रांची: सरकारी स्कूलों में प्रोजेक्ट इंपैक्ट की सही प्रकार से लागू कराने के लिए राज्य स्तर पर डेडिकेटेड टीम बनाई जाएगी। टीम हर सात दिनों में स्कूलों में प्रोजेक्ट इंपैक्ट की निगरानी के बाद इसके आउटकम से राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक के साथ जानकारी साझा करेगी।
अप्रैल महीने में प्रोजेक्ट इंपैक्ट की जमीनी पड़ताल के लिए राज्यस्तरीय अनुश्रवण टीम विभिन्न जिलों में जाएगी। प्रोजेक्ट इंपैक्ट में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों, प्राध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
ये बातें राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने प्रोजेक्ट इंपैक्ट की समीक्षा बैठक में कही। आदित्य रंजन बुधवार को 80 मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों, वार्डन और सात उत्कृष्ट स्कूलों के स्कूल प्रबंधकों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे।
रंजन ने कहा कि वे स्वयं अप्रैल में प्रोजेक्ट इंपैक्ट की स्थिति का जायजा लेने के लिए तीन-तीन स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। प्रोजेक्ट इइंपैक्ट का मकसद स्कूलों में अनुशासनात्मक एवं उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण तैयार करना है।
सिर्फ उत्कृष्ट नाम होने से स्कूल उत्कृष्ट नहीं होते, किसी भी विद्यालय को उस स्कूल के बच्चे, शिक्षक और शैक्षणिक वातावरण मिलकर उत्कृष्ट बनाते हैं।