रांची. राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के भविष्य पर मंथन करने वाले और रिम्स के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाली शासी परिषद की आज 59वीं बैठक रिम्स के प्रशासनिक भवन में हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। शासी परिषद की बैठक की अध्यक्षता राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने की। वहीं इस बैठक में स्वास्थ्य सचिव अजय सिंह, रिम्स के निदेशक डॉक्टर राजकुमार, शासी परिषद के सभी सदस्य भी शामिल हुए।
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रिम्स निदेशक पर खड़े हुए सवाल
बताया जा रहा है कि बैठक में रिम्स निदेशक पर कई सवाल खड़े हुए और उन्हें स्पष्ट कहा गया कि जीबी की बैठक में जो निर्णय होते हैं, वह गलत नहीं होते। रिम्स निदेशक ने बैठक में कई चीजों को रखा जो कि पहले भी जीबी की बैठक में रखे जा चुके हैं। वहीं इस पर निदेशक को स्वास्थ्य सचिव ने सख्त निर्देश दिए कि 2 महीने के अंदर जो भी कार्य अधूरे हैं, उन्हें पूरा कर रिपोर्ट जमा करें।
बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि आज जीबी की 59वी बैठक हुई। रिम्स की बेहतरी के लिए कई सुझाव आए। कई प्रस्ताव पर मुहर लगी। कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए। रिम्स केवल मेडिकल कॉलेज नहीं, लाइफलाइन है। रिम्स को फिर से पुनर्निर्माण करेंगे और नया स्वरूप देंगे। सीटी और एमआरआई मशीन की स्थापना होगी आयुष्मान कार्ड में कई कमियां मिली है, उसको सुधारा जाएगा।
डॉक्टरों की पदोन्नति के लिए नियुक्ति कमिटी के पास भेजे जाएंगे
उन्होंने कहा कि मोक्ष वाहन केवल 5 हैं और 5 खरीदा जाएगा। शव अगर किसी ज़िले में जाना है तो उसको अच्छे से भेजा जाएगा। इसके साथ ही अंतिम संस्कार के लिए 5 हज़ार रुपए मृतक के परिजन को मिलेगा। वहीं अब ओपीडी 6 बजे तक खोले जाएंगे। डॉक्टरों की पदोन्नति के लिए नियुक्ति कमिटी के पास भेजे जाएंगे और उसके बाद हमारे पास वह आएगा तो उस पर विचार किया जाएगा।
वहीं पार्किंग को लेकर उन्होंने कहा कि उसको भी सुधारा जा रहा है, जो लोग पैसा वसूलते है तो उस पर भी कार्रवाई होगी। सुरक्षा कर्मियों की भी शिकायत मिलती थी तो 300 को आधा किया जाएगा और उसे आउटसोर्स किया जाएगा। एआई तकनीक का ऑर्डर दिया गया है। सभी लैब विकसित किए जाएंगे।
बदहाल चीजों को सुधारा जाएगा
वहीं मंत्री इरफान अंसारी ने रिम्स की व्यवस्थाओं को लेकर भी कहा कि कई चीजे हैं, जो बदहाल हैं, लेकिन उन्हें अब सुधारा जाएगा। वहीं इस पूरे मामले पर स्वास्थ्य सचिव अजय सिंह ने कहा कि कई ऐसे मामले उठ रहे हैं, जो कि पहले भी जीबी की बैठक में लिए गए हैं, जिनको अब निदेशक गलत बता रहे हैं। अगर जीबी से कोई निर्णय लिया गया है, वह गलत नहीं हो सकता क्योंकि वह सर्व सहमति से लिया जाता है।