भोजपुर: लोक आस्था का महापर्व छठ बिहार के लोगों के लिए आस्था का प्रतीक है। इस पर्व के दौरान लोग विभिन्न घाटों पर पहुंच कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस पर्व के दौरान नियम और निष्ठा का विशेष ध्यान रखा जाता है। छठ पर्व के दौरान आरा का कलेक्ट्रेट घाट आस्था के साथ साथ सौहार्द्र का भी प्रतीक है। यह छठ घाट एक ऐसा घाट है जहां सभी धर्मों के लोग अपने अपने आराध्य की प्रार्थना करते हैं।
कलेक्ट्रेट छठ घाट अंग्रेजों के ज़माने में बनाया गया था और इस तालाब की एक खासियत है कि इसके एक तट पर सूर्य मंदिर है तो दूसरे तट पर मस्जिद और तीसरे पर चर्च। स्थानीय लोगों के अनुसार इस छठ घाट पर छठ के दौरान सभी धर्मों के लोग जमा होते हैं और आपसी भाईचारा के साथ प्रसाद ग्रहण करते हैं। लोगों ने कहा कि यह स्थान गौरवपूर्ण है, क्योंकि यहां सभी धर्मों का प्रार्थना स्थल है। जब छठ पूजा होती है तो मस्जिद समेत चर्च के आसपास तक श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है।
छठ पर्व पर यहां की छठ निराली हो जाती है। इसमें कई सामाजिक संगठन भी अपना सहयोग देते हैं। छठ के दौरान कलेक्ट्रेट छठ घाट रौशनी की जगमगाहट से अलग ही छटा देखने को मिलती है। लोगों ने बताया कि वर्ष 1982 में तालाब के उत्तर पूर्व छोड़ पर भगवान भाष्कर की मंदिर की स्थापना की गई थी जबकि 1999 में भगवान भाष्कर का रथयुक्त मूर्ति की स्थापना की गई थी। शहर के कोने कोने से लोग यहां छठ पर्व के दौरान अर्घ्य देने के लिए जुटते हैं। तालाब के पूरब छोर पर स्थापित जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा छठ घाट के रौनक में चार चांद लगा देती है। घाट पर स्ट्रीट लाइट की भी व्यवस्था की गई है।
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भोजपुर से नेहा की रिपोर्ट
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