आदिवासी एकता महारैली चार फरवरी को: बंधु

रांची: आदिवासी एकता महारैली – पूर्व विधायक बंधु तिकीं ने बताया है कि आदिवासियों के सामूहिक, संतुलित और भेदभाव रहित संपूर्ण विकास के लिए चार फरवरी को मोरहाबादी में आदिवासी एकता महारैली का आयोजन किया जायेगा.

इस रैली के माध्यम से समाज को बांटने वाले तत्वों को आदिवासी समाज अपनी एकता दिखायेगा. श्री तिर्की ने कहा कि इस महारैली में न केवल आदिवासियों के मुद्दे पर गहन विमर्श करते हुए वास्तविक जमीनी स्थिति से परिचित कराया जायेगा, बल्कि आवश्यकता होने पर आंदोलन का फैसला लिया जायेगा.

यह चुनावी साल है और अब तक केवल अपने मतलब के लिए आदिवासियों को माध्यम बना कर स्वार्थी तत्वों ने अपना उल्लू सीधा किया है.

आदिवासी एकता महारैली

आदिवासियों को केवल अपने मतलब के लिए वैसे स्वार्थी और समाज विरोधी तत्वों का हथियार और आहार नहीं बनने देंगे. आदिवासी, जल, जंगल और जमीन के पुजारी हैं.  स्वभाविक रूप से कहीं भोलेे-भाले होने के साथ ही वे स्वाभिमानी भी है.

श्री तिकीं ने कहा कि आदिवासियों की इन्हीं कमजोरी के कारण स्वतंत्रता के 75 साल के बाद भी
आज आदिवासियों की स्थिति दयनीय बनी हुई है, श्री तिकों ने कहा कि यह रैली आदिवासी हक-अधिकार की लड़ाई का मील का पत्थर साबित होगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा एक-एक कर आदिवासियों के अधिकारों को खत्म कर रही है.

अगर यही स्थिति रही तो आदिवासी अपनी संस्कृति से भी हाथ धो बैठेंगे.  श्री तिर्की ने कहा कि किसी भी हाल में और किसी भी परिस्थिति में आदिवासियों को अपने-आप को संभालना पड़ेगा और इसी के मद्देनजर झारखंड जनाधिकार मंच द्वारा आदिवासी एकता महारैली का आयोजन किया गया है.

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