रांची: जेएसएससी की सीजीएल एक बार फिर विवादों में है। पेपर लीक, प्रश्नों की पुनरावृत्ति और बुकलेट वितरण में गड़बड़ी के आरोपों के बीच अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन जारी है। अभ्यर्थियों ने परीक्षा रद्द करने और शीघ्र ही नई परीक्षा आयोजित करने की मांग की है। इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए राजभवन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
राजभवन के आदेश के बाद, जेएसएससी ने इस मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी और उप सचिव अरविंद कुमार लाल को शामिल किया गया है। कमेटी को निर्देश दिया गया है कि वह एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे और परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की जांच कर सच्चाई सामने लाए।
इससे पहले, गुरुवार को अभ्यर्थियों ने जेएसएससी कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया था और परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। अभ्यर्थियों ने कहा कि जेएसएससी बार-बार प्रतियोगी परीक्षाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित करने में असफल रहा है।
झारखंड यूथ एसोसिएशन के संयोजक सफी इमाम ने कहा कि पेपर लीक की लगातार हो रही घटनाओं से अभ्यर्थी परेशान और हताश हैं। उन्होंने कहा कि जब तक परीक्षा रद्द नहीं होती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा में गड़बड़ी की घटनाएं बार-बार होने से प्रतियोगी परीक्षाओं की साख पर बुरा असर पड़ रहा है।
गौरतलब है कि सामान्य स्नातक स्तर के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पिछले एक दशक से लंबित है। एक बार विज्ञापन रद्द होने के बाद दोबारा नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन अब यह फिर से विवादों में घिर गई है।