1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर सदन में हंगामा, चर्चा की मांग पर अड़ी भाजपा

स्पीकर बोले- आपकी हर बात मानने को हम तैयार नहीं

रांची : आधारित स्थानीय नीति- झारखण्ड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज अंतिम दिन है.

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी ने 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर

हंगामा करना शुरू कर दिया. भाजपा विधायक वेल में आ गए.

वे इस मुद्दे पर संसदीय कार्यमंत्री से सवाल करना चाह रहे हैं.

इस पर स्पीकर रबिंद्रनाथ महतो ने कहा आसन की मजबूरी को विपक्ष समझे.

आसन पर अनावश्यक रूप से दबाव न बनाए.

अमित मंडल ने उठाया था सवाल

गौरतलब है कि 21 दिसंबर को भाजपा के विधायक अमित मंडल ने सदन में सवाल उठाया था कि राज्य के विधि विभाग ने 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को 100 फ़ीसदी विधि सम्मत नहीं बताया था. इसपर स्पीकर ने सरकार को इससे संबंधित जवाब देने को कहा था. इसी को लेकर भाजपा आज सरकार से इस मुद्दे को लेकर जवाब मांग रही है और सदन में इस पर चर्चा कराना चाह रही है.

आधारित स्थानीय नीति: बिरंची नारायण ने स्पीकर से की ये मांग

बीजेपी विधायक बिरंची नारायण ने विधानसभा अध्यक्ष रबिंद्रनाथ महतो से मांग किया कि बीजेपी विधायक अमित मंडल ने सरकार से ये मांग किया था कि 1932 आधारित स्थानीय नीति विधेयक लाने से पहले विधि विभाग ने अपना मंतव्य दिया था कि ये विधेयक 100 फीसदी न्यायालय में नहीं टिक पाएगी इसपर विधिक विभाग के मंतव्य की एक कॉपी सदन को उपलब्ध कराने की मांग की.

तीन बार खारिज हो चुकी है स्थानीय नीति- आलमगीर आलम

विपक्ष की मांग पर स्पीकर ने संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम को इस पर जवाब देने को कहा. संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बनी स्थानीय नीति तीन बार खारिज हो चुकी है. इसलिए इसे 9वें शेड्यूल में शामिल करने के लिए केंद्र को भेजा जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि विधि विभाग की शंकाओं को दूर करने के बाद ही विधायक को राज्यपाल के पास भेजा गया है, लेकिन भाजपा विधायक इस पर सरकार से और सवाल करना चाह रहे थे. लगातार हंगामा बढ़ता देख स्पीकर में दोपहर 12ः00 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.

आधारित स्थानीय नीति: गरीब लोगों के हित में बनाया गया कानून

संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कैबिनेट के द्वारा यह निर्णय लिया गया था. उसके बाद विशेष सत्र बुलाकर इस विधेयक को भेजा गया. हम सभी जानते हैं हमारा राज्य पिछड़ा है. यहां गरीब लोग रहते हैं, इसलिए यहां के लोगों के हित में कानून बनाया गया है.

रिपोर्ट: मदन सिंह

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