बेगूसराय : बरौनी खाद कारखाना से मार्च 2022 में यूरिया का उत्पादन शुरू हो जाएगा. इसको लेकर आज प्लांट में गैस टरबाइन लू ब्यॉल पंपशिंग की शुरुआत केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने की है. दरअसल 1999 से बंद बरौनी खाद कारखाना की मई 2018 में 7035 करोड़ की लागत से पुनर्निर्माण की शुरुआत की गई थी जो अब अंतिम पड़ाव में है. बेगूसराय के सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह आज बरौनी फर्टिलाइजर का निरीक्षण किया और प्लांट के 2 पार्ट का उद्घाटन किया.
बरौनी खाद कारखाना की क्षमता 1.27 मिलियन मैट्रिक टन सालाना है. पहले मार्च 2021 फिर नवंबर 2021 में उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन दो दो बार कोरोना काल और मटेरियल की आपूर्ति में कमी की वजह से थोड़ा विलंब जरूर हुआ है लेकिन एक बार फिर अब उम्मीद जगी है कि मार्च 2022 से बरौनी खाद कारखाना से यूरिया का ना सिर्फ उत्पादन होगा बल्कि बाजार में भी आ जाएगा.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आज तक बरौनी फर्टिलाइजर में लालू यादव और अन्य लोगों ने शिला पट्ट लगाने का काम जरूर किया लेकिन आज तक कारखाना शुरू नहीं हुआ लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने इसे न सिर्फ शिलान्यास किया बल्कि अब उद्घाटन के करीब भी पहुंच गया है. एच.यू.आर.एल के मुख्य महाप्रबंधक गौतम देव ने बताया कि कोरोना की वजह से थोड़ा विलंब जरूर हुआ है लेकिन मार्च 2022 से यूरिया का उत्पादन हो जाएगा. इस खाद कारखाने की खासियत यह भी है कि इस कारखाना के अवशेष से इसी प्लांट के अंदर बिजली का भी उत्पादन होगा जिससे बाहर से बिजली खरीदने की जरूरत नहीं होगी.
रिपोर्ट : सुमित
हर्ल खाद कारखाना में चल रहा धरना समाप्त, लिखित में मिला ये आश्वासन