औरंगाबाद : औरंगाबाद बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले बिजली विभाग और सिंचाई विभाग के खिलाफ आज जिला के किसानों ने बिहार के पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह के नेतृत्व में आक्रोश प्रदर्शन किया है। एक विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया गया है कि बिजली विभाग और सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण आज किसानों को काफी परेशानी की सामना करना पड़ रहा है। जिसको लेकर आज जिला के हम सभी किसान बिहार सरकार के पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह के नेतृत्व में आक्रोश प्रदर्शन किया है।
आपको बता दें कि यह प्रदर्शन औरंगाबाद के ऐतिहासिक गांधी मैदान से निकाला। जिसमें हजारों की संख्या में किसान मजदूर शामिल थे। यह प्रदर्शन मुख्य सड़क से औरंगाबाद बाजार, रमेश चौक और समरणालय होते हुए कर्मा रोड स्थित साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड 33/11 विद्युत उपकेंद्र औरंगाबाद पहुंचे। जहां आक्रोश प्रदर्शन सभा में तब्दील हो गई। इस सभा की अध्यक्षता भाजपा नेता रामकेवल सिंह ने किया। वहीं सभा का संचालन विनोद सिंह ने किया। विनोद सिंह ने अपने संबोधन के दौरान बताया कि दीनदयाल विद्युतीकरण के तहत बिजली विभाग के माध्यम से बड़े पिमाने पर गावों में बिजली पहुंचने को लेकर तार और पोल का निर्माण किया गया है लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर घोटाले भी किए गए हैं।
उनका कहना था कि बिजली विभाग के एमडी जो है वह नवादा के रहने वाले हैं। वह दोनों सरकारी को जनता के बीच बदनाम करना चाहते हैं। क्योंकि 33 हजार के पोल पर और 11 हजार के पोल पर जो पिन और स्लेटर दिया गया है वह बहुत ही पुराने तबके का दिया गया है। जिसके कारण थोड़ी सी बारिश होने के बाद ही पूरे जिला में बिजली ठप हो जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि पूरे जिले में 39 बिजली घर बनाए गए हैं और सभी जगहों पीआरचार ब्रेकर भी लगाए गए है। जिसमें 90 फीसदी खराब है। आखिर क्यों जितना भी उपकरण लगाए गए है वह गुणवता पूर्ण नहीं है। जिसका खमियाजा आज जिला के जनता और किसान को भुगतना पड़ रहा है।
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इसका आरोप उन्होंने एमडी पर लगाते हुए कहा है कि बड़े पैमाने पर जिस कंपनी से लिया गया है और उसे मोटी रकम भी दिया गया है लेकिन यह किसी काम का नहीं है। जिसके कारण बिजली की यह दुर्दशा है। वहीं बिहार सरकार के पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से बिहार के राज्यपाल से बिजली विभाग के अधिकारियों की संपत्ति जांच कराने की मांग किया है। वहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि शहर में जहां भी स्मार्ट मीटर लगा हुआ है उसमें तेगुना बिल आ रहा है। जिसको लेकर उन्होंने बिहार सरकार से त्वरित हस्तक्षेप करते हुए इसकी जांच करने की मांग किया है और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग किया है।
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दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट