Bokaro– रेलवे द्वारा रास्ता बंद : बोकारो स्टील प्लांट निर्माण में उत्तरी विस्थापित क्षेत्र के महेशपुर गांव के रास्ते
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को रेलवे के द्वारा बंद किए जाने के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश है.
आज रेलवे के अधिकारी रास्ते को बंद करने पहुंचे तो ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए जेसीबी को वापस लौटा दिया.
ग्रामीणों का कहना है कि इस रास्ते को बंद करने से उनका सम्पर्क टूट जाएगा. इससे करीबन दो हजार की आबादी प्रभावित होगी.
पिछले 17 वर्षों से ग्रामीणों के द्वारा वैकल्पिक रास्ते की मांग की जा रही है,
लेकिन रेलवे के द्वारा ग्रामीणों की इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला गया.
वर्तमान में तलगाड़िया तुपकाडीह रेल लाइन के दोहरीकरण का काम किया जा रहा है.
इसी को लेकर महेशपुर के रास्ते को रेलवे के द्वारा बंद किया जाना आवश्यक बताया जा रहा है.
रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि यह रास्ता अनाधिकृत है.
रास्ते की व्यवस्था राज्य सरकार को करनी है. रेलवे अपना काम कर रही है.
जबकि ग्रामीणों का कहना है इसी रास्ते से होकर वर्षों से आना-जाना कर रहे हैं, बच्चे इसी रास्ते से होकर पढ़ाई करने भी जाते हैं.
अगर रास्ते को बंद कर दिया जाएगा तो ग्रामीणों का संपर्क दूसरे इलाकों से पूरी तरह टूट जाएगा.
अंग्रेजों से भी अधिक शासन रेलवे के द्वारा ग्रामीणों पर किया जा रहा है.
ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 1982 में ग्रामीण रास्ते को काटकर रेलवे लाइन बिछाया गया था
, 35 वर्षों बाद रेलवे इस रास्ते को अनाधिकृत बता रही है.
ग्रामीण किसी भी कीमत पर रास्ता बंद करने का विरोध कर रहे हैं.