Ramgarh: जिले के सीसीएल (CCL) सिरका कोलियरी क्षेत्र में प्रदूषण की समस्या को लेकर स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। मंगलवार सुबह करीब 9 बजे से ग्रामीणों ने खनन और डंपिंग कार्य पूरी तरह ठप करा दिया। ग्रामीणों ने होलरोड पर पत्थर रखकर आवागमन बाधित कर दिया और प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदूषण से घर-गांव में छाया धुआं और धूल:
स्थानीय लोगों ने बताया कि सिरका कोलियरी और उसकी आउटसोर्सिंग कंपनी के द्वारा लगातार ओबी (Over Burden) और कोयले के खनन के दौरान भारी मात्रा में धूल और प्रदूषण फैलाया जा रहा है। इससे बालमंडली, शनिचर बाजार, मुंडा पट्टी, बुढ़ाबांध, तेलियाटांड़, बड़काटाड़ और चाणक क्षेत्र पूरी तरह प्रभावित हैं। ग्रामीणों ने बताया कि डंपिंग साइट से उड़ने वाली धूल से आसमान का रंग तक धुंधला हो गया है और वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक होता जा रहा है। घर में रखे बर्तन, कपड़े और फर्नीचर पर धूल की परत जम जाती है, वहीं कुओं और जलाशयों में भी गर्द बैठ रही है, जिससे पेयजल दूषित हो गया है।
ग्रामीणों की मांग- प्रदूषण रोकने के ठोस उपाय किए जाएं:
प्रदूषण से परेशान ग्रामीणों ने कई बार प्रबंधन से धूल नियंत्रण और पर्यावरणीय उपाय करने की मांग की थी, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर पहल नहीं की गई। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण सांस और फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। कई लोगों को खांसी और आंखों में जलन की शिकायत हो रही है। मौके पर मौजूद ग्रामीणों में सतीश गुप्ता, मनोज गुप्ता, ईश्वर राम, लल्लू राम, नीरज, संतोष, अनिल, किशोरी साव, अमित, कपिल, नटकी, भुनेश्वर, मुनेशर और मुकेश सहित दर्जनों महिला-पुरुष शामिल थे। लोगों ने स्पष्ट कहा कि जब तक प्रबंधन प्रदूषण रोकने के ठोस कदम नहीं उठाएगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
प्रबंधन की चुप्पी और उत्पादन पर असर:
6 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोलियरी प्रबंधन की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई थी। केवल आउटसोर्सिंग कंपनी के प्रतिनिधि सहानुभूति जताने पहुंचे, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही। इस आंदोलन के कारण सिरका कोलियरी में खनन उत्पादन और डंपिंग कार्य पूरी तरह बाधित रहा, जिससे कंपनी को भारी नुकसान हो सकता है।
रिपोर्ट: रविकांत
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