पटना : बिहार में मुख्य निर्वाचन आयोग के द्वारा मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SER) के दौरान सोमवार यानी 14 जुलाई तक राज्य के कुल 7,89,69,844 मतदाताओं में से 6,60,67,208 यानी 83.66 फीसदी गणना फॉर्म (EF) जमा किए जा चुके हैं। इन मतदाताओं को मसौदा मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा। अभी पूरी प्रक्रिया में 11 दिन और शेष हैं। वहीं बिहार सहित देश की बड़ी सभी विपक्षी पार्टियां इस मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया पर सवाल उठा रही है। विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग, केंद्र और बिहार सरकार से सवाल पूछ रही है कि चुनाव से पहले यह सब करने की क्या जरूरत है।
BLO ने घर-घर जाकर दो दौर में इन गणना फार्म को एकत्र किया है – चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने बताया कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के काम में लगे बीएलओ ने घर-घर जाकर दो दौर में इन गणना फार्म को एकत्र किया है। अब तक 1.59 फीसदी मतदाता मृत पाए गए हैं, जबकि 2.2 फीसदी स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं। 0.73 फीसदी व्यक्ति एक से अधिक स्थानों पर नामांकित पाए गए। जो मतदाता अस्थायी रूप से राज्य से बाहर गए हुए हैं, उनके लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन और प्रत्यक्ष संपर्क के जरिए प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वे समय पर फॉर्म भर सकें और उनका नाम एक अगस्त को प्रकाशित होने वाली ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल किया जा सके।
88.18 फीसदी गणना फॉर्म जमा
चुनाव आयोग के मुताबिक, अभी तक 88.18 फीसदी मतदाता अपना गणना फॉर्म जमा कर चुके हैं। अब महज 11.82 फीसदी मतदाता ही अपने गणना फॉर्म जमा करने के लिए शेष हैं और इनमें से कई ने आने वाले दिनों में दस्तावेज के साथ अपने ईएफ जमा करने के लिए समय मांगा है। केंद्रीय चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए और बाकी मतदाता भी अपने गणना फॉर्म भरें। लगभग एक लाख बीएलओ जल्द ही घर-घर जाकर अपना तीसरा दौर करेंगे। बिहार में विशेष पुनरीक्षण के चौथे चरण के तहत ड्राफ्ट मतदाता सूची 1 अगस्त को प्रकाशित की जाएगी। इसमें केवल उन्हीं मतदाताओं के नाम शामिल होंगे जिनके फॉर्म तय समयसीमा के भीतर प्राप्त हो जाएंगे। 25 जुलाई तक जिन मतदाताओं के फॉर्म नहीं मिलेंगे, उनके नाम ड्राफ्ट रोल में शामिल नहीं किए जाएंगे। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी।
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261 शहरी स्थानीय निकायों में लगाए गए शिविर
बिहार के सभी 261 शहरी स्थानीय निकायों (ULB) के सभी 5,683 वार्डों में विशेष शिविर भी लगाए जा रहे हैं। वहीं सभी राजनीतिक दलों की ओर से नियुक्त 1.5 लाख बीएलए के प्रयासों को भी बढ़ाया गया है, जिनमें से प्रत्येक प्रतिदिन 50 ईएफ तक प्रमाणित और जमा कर सकता है। मतदाता पंजीकरण अधिकारीऔर सहायक मतदाता पंजीकरण अधिकारी प्राप्त फॉर्म की जांच संविधान के अनुच्छेद 326 में निर्धारित पात्रता मानदंडों के आधार पर करेंगे, जिसके अनुसार मतदाता का भारतीय नागरिक होना, उसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होना, और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में सामान्य निवास होना अनिवार्य है। ड्राफ्ट रोल की प्रतियां मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएंगी और चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी अपलोड की जाएंगी।
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