हम आंकड़ों के लिहाज से हारे नहीं हैं – आदित्य पासवान

पटना : बिहार प्रदेश कांग्रेस सेवादल यंग ब्रिगेड के अध्यक्ष आदित्य पासवान ने विधानसभा चुनाव के परिणाम को लेकर एक बड़ी बात कह दी है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान का जनादेश हम विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं। तेलंगाना में पार्टी की जीत के लिए वहां के कार्यकर्ताओं, समर्थकों, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लाकर्जुन खरगे को बधाई और शुभकामनाएं दी।

आदित्य पासवान ने कहा कि हम भले ही तीन राज्यों में मामूली वोट के फासले से पीछे रह गए लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम विचारधारा की लड़ाई हार गए या इसे छोड़ देंगे। सभी कार्यकर्ताओं ने अथक परिश्रम किया लेकिन हम चुनाव में मनमाफिक रिजल्ट नहीं दे पाए, इसका मलाल हमें और हमारी पार्टी को है लेकिन हम आंकड़ों के लिहाज से हारे नहीं हैं। आप सभी समझदार हैं और पढ़े लिखे हैं इसलिए आपके सामने कुछ आंकड़े रखना चाहता हूं जो आपको भी जानना जरुरी है।

उन्होंने कहा कि आंकड़े इसलिए क्योंकि हमारे विरोधी हमेशा आंकड़े की बाजीगरी करते नजर आते हैं। लेकिन हम जो आंकड़े आपके सामने रख रहे हैं वो आपको आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे क्योंकि ये पब्लिक डोमेन में मौजूद हैं। हमें तो बीजेपी की तरह आंकड़ों को तोड़ मरोड़कर पेश करने की आदत तो है नहीं लेकिन आप हमारे आंकड़े से सहमत भी होंगे। आप भी मानेंगे की भले ही इन राज्यों में सीटों के मामले में हम पिछड़े जरुर हैं लेकिन हारे नहीं हैं।

चार राज्यों में कांग्रेस को चार करोड़ 90 लाख से ऊपर वोट मिले। वहीं भाजपा को 4 करोड़ 81 लाख से ऊपर मत मिले। तेलंगाना कांग्रेस का वोट प्रतिशत 39.40 रहा है, जबकि भाजपा का प्रतिशत 13.90 रहा है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 42.23 रहा है। वहीं भाजपा का वोट प्रतिशत 46.27 है। राजस्थान में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 39.53 है। जबकि भाजपा का वोट प्रतिशत 41.69 है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 40.40 है, जबकि भाजपा का वोट प्रतिशत 48.55 रहा।

मेरा मानना है कि हार जीत चुनावी राजनीति का हिस्सा है, लेकिन इतने सारे लोगों के इस विश्वास के भी कुछ मायने हैं, आंकड़े तो यही बताते हैं। अब आपको दो दशक पहले की कहानी याद दिलाते हैं, तब भी कांग्रेस को कमजोर समझा गया था और उस दौरान अप्रत्याशित तरीके से हमने वापसी की थी। आज जिस स्थिति में कांग्रेस है उस समय भी कमोबेश इसी स्थिति में थी लेकिन हमारी एकता और आत्मबल एवं हमारे कार्यकर्ताओं ने बीजेपी को धूल चटाने का काम किया था।

बीस साल पहले भी कांग्रेस पार्टी, छत्तीसगढ़ , मध्यप्रदेश और राजस्थान में चुनाव हार गई थी और इसके कुछ महीने बाद ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। कांग्रेस ने तब केंद्र में सरकार बनाई थी और इसी आशा, विश्वास, दृढ़ संकल्प और लचीलेपन की भावना के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनावों के लिए तैयारी कर रही है। भले ही इन चुनावों में कुछ खामियां रह गई हों जिसे लेकर पार्टी आलाकमान इसपर जरुर विचार करेगा और इसपर मंथन भी किया जाएगा। लेकिन जिस तरह से हमारे कुछ सहयोगी दल सवाल उठा रहे हैं वो मुझे अनुचित लगता है क्योंकि वो शायद 2004 का वो दौर भूल चुके हैं।

भले ही सीट बंटवारे को लेकर कुछ जगहों पर हमारे नेताओं में नाराजगी थी। साथ ही मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कुछ आपसी सामंजस्य का भी अभाव दिखा। लेकिन इन सभी बातों को पार्टी के उच्च अधिकारियों के सामने रखने की आवश्यकता थी। कुछ मामलों को हम वक्त रहते सुलझा नहीं पाए। जिसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ा लेकिन आने वाले लोकसभा चुनाव में हम एकजुट होकर भाजपा को हराएंगे और वक्त बदलेगा।

मेरा मानना है कि हमसे कुछ चूक हुई जरुर है लेकिन हमारे विरोधी जिस तरह से पांच साल तक चुनावी मोड में रहते हैं। उसी तरीके से हमें भी काम करने की आवश्यकता है और बीजेपी के चुनावी प्रचार और झूठ के तिलिस्म को हम भेद पाने में हम इस बार तो कामयाब नहीं हो पाए। लेकिन आने वाले समय में आप सभी जनता जनार्दन को ये बातें खुद ब खुद पता लग जाएगी की जिस ताकत से हमने 2004 में बीजेपी के तिलिस्म को तोड़ा था। उसी मजबूती के साथ हम 2024 में चुनाव में उतरेंगे और बीजेपी को धूल चटाएंगे।

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