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Desk. खबर राजधानी दिल्ली से है। राज्यसभा में सोनिया गांधी पर ‘आक्षेपपूर्ण’ टिप्पणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कांग्रेस ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया है। केंद्रीय गृह मंत्री के खिलाफ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया है। अपने पत्र में जयराम रमेश ने कहा कि अमित शाह ने उच्च सदन में अपने उत्तर के दौरान सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के पूर्व नियोजित उद्देश्य से उनके विरुद्ध निराधार आरोप लगाए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव
राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने सभापति जगदीप धनखड़ को लिखे अपने पत्र में कहा, “मैं राज्यसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 188 के अनुसार गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देता हूं, क्योंकि उन्होंने राज्यसभा सदस्य और राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी पर आक्षेप लगाया है।”
पत्र में कहा गया है, “भले ही गृह मंत्री ने सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से उनका उल्लेख किया और उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने ऐसा करने का इरादा किया है। गृह मंत्री ने सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के पूर्व नियोजित इरादे से उनके खिलाफ निराधार आरोप लगाए हैं। गृह मंत्री का बयान पूरी तरह से झूठा और अपमानजनक है।”
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने राज्यसभा में कहा था, “प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की स्थापना कांग्रेस के शासन के दौरान की गई थी और पीएम केयर्स फंड की स्थापना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए के शासन के दौरान की गई थी। महोदय, कांग्रेस के शासन के दौरान केवल एक परिवार देश को नियंत्रित करता था।”
बिना नाम लिए अमति शाह की सोनिया गांधी पर टिप्पणी
इस दौरान किसी का नाम लिए बिना अमति शाह ने दावा किया कि उस समय प्रधानमंत्री राहत कोष में एक कांग्रेस नेता भी शामिल थी। उन्होंने कहा था, “कांग्रेस की एक नेता भी इस कोष में शामिल थी। आप देश की जनता को क्या जवाब देंगे? आपको लगता है कि कोई भी इसे पढ़ता या देखता नहीं है।” वहीं जयराम रमेश ने अमित शाह के बयान को “विशेषाधिकार का हनन और सदन की अवमानना” बताया।