रांची : झारखंड में महागठबंधन की सरकार गठन के दौरान बेरोजगार युवाओं को नौकरी का वादा किया गया। सरकार ने सत्ता में आने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का भरोसा दिलाया। हालांकि, कोरोना वायरस का बहाना बनाकर सरकार अपने वादे से पीछे हटती नजर आ रही है।
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार से बेरोजगार युवाओं को काफी उम्मीदें हैं। सरकार ने भी नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू करने की बात कही थी। हालांकि, कोरोना वायरस की वजह से इसमें देरी हुई है। सरकार के इस तर्क से राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा संतुष्ट नहीं है।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह कहते हैं कि, इस सरकार ने जो भी सब्जबाग दिखाए वे सारे झूठे निकले। यही वजह है कि, सैकड़ों की संख्या में बेरोजगार नौजवान सड़कों पर हैं। NDA की साझेदार जदयू भी सरकार के कमिटमेंट को लेकर प्रश्न खड़े कर रही है। पार्टी के प्रदेश संयोजक श्रवण कुमार कहते हैं कि, हेमंत सरकार ने नौजवानों को छला है।
बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार विपक्ष के निशाने पर है। सरकार पर वादाखिलाफी का इल्जाम लगाया जा रहा है। हालांकि, महागठबंधन की प्रमुख हिस्सेदार कांग्रेस विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बता रही है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे कहते हैं कि, भाजपा को पहले केंद्र की मोदी सरकार के छलावा को याद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने दो करोड़ रोजगार का वादा किया था जो अब तक धरातल पर नहीं उतरा। राष्ट्रीय जनता दल भी बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार का बचाव करती नजर आ रही है।
इस बात में कोई शक नहीं है कि, कुरौना महामारी की वजह से सरकारी कामकाज प्रभावित रहा है। हालांकि, सिक्के का दूसरा पहलू यह भी है कि, हेमंत सरकार से बेरोजगार युवाओं को जो उम्मीदें थी वे भी पूरी नहीं हुई हैं।