झारखंड विधान सभा से मॉब लिंचिंग कानून पास, क्या मिल सकेगा इससे तबरेज की बेवा को इंसाफ

Ranchi– झारखंड विधान सभा से मॉब लिंचिंग कानून पास हो गया है. शीतकालीन सत्र के चौथे दिन संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने झारखंड (भीड़, हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण) विधेयक 2021 को सदन के पटल पर रखा. झारखंड विधान सभा ने इस पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी.

झारखंड विधानसभा में मॉब लिंचिंग को लेकर विधेयक पारित होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि समय-समय पर कानून में बदलाव की जरूरत होती है राज्य में सौहार्द रहे सभी खुशहाली से रहे आपसी भाईचारा बरकरार रहे यह सभी की दायित्व है, कभी-कभी असामाजिक तत्वों के द्वारा कुछ हरकतें की जाती है जिससे अमन-चैन बिगड़ता है इसीलिए सरकार ने यह कानून ला रही है अब लोग अपने-अपने क्षेत्रों में निडर होकर अपना काम सकेंगे.

विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए विधेयक का विरोध किया और हंगामा करते हुए  वाकआउट कर गया.यहां बता दें कि अक्सर देश सहित झारखंड में भीड़ के हाथों अल्पसंख्यक, आदिवासी, महिला, दलित और वंचित समुदाय के लोगों को जान गंवाने की खबरे आते रहती है. झारखंड में सबसे चर्चित मामला तबरेज अंसारी का है. जिसने भीड़ के हाथों अपनी जान खो दी. उसके  बाद तबरेज की बीबी न्याय के लिए दर-दर भटकती रही, लेकिन अब तक उसकी बेवा को न्याय नहीं मिला. बता दें कि 17 जून की रात को तबरेज अंसारी जमशेदपुर स्थित अपने फुफा के घर से सरायकेला जिले का कदमडीहा लौट रहा है. इस बीच घातकीडीह गांव के पास ग्रामीणों ने मोटरसाइकिल चोरी के आरोप  में तबरेज को पकड़ कर पूरी रात पीटाई किया. इस दौरान कथित और पर जय श्री राम और जय हनुमान के नारे लगवाये गए.   मरणासन्न अवस्था में  दूसरे दिन पुलिस के हवाले किया गया. बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. यहां यह बताना भी जरुरी है कि तबरेज मामले की गूंज यूनाइटेड नेशन (यूएन) तक गई थी, बाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख प्रकट किया था.

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