Supaul : आज हम चर्चा करेंगे बिहार की सुपौल लोकसभा सीट की. सुपौल में चुनाव तीसरे चरण में 7 मई को होंगे.
सुपौल लोकसभा में अब तक सिर्फ तीन बार ही चुनाव हुए हैं. सुपौल लोकसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया. 2009 में यहां लोकसभा का पहला चुनाव हुआ और सुपौल सीट पर पहली चुनाव में ही जदयू ने अपना परचम लहराया.
2024 में सुपौल सीट के लिए राजद और जदयू के बीच मुकाबला होने वाला है. जदयू ने मौजूदा सांसद दिलेश्वर कामत को एक बार फिर टिकट दिया है. वहीं राजद ने इस बार सिंहेश्वर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चंद्रहास चौपाल को चुनावी मैदान में उतारा है.
सुपौल लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की 6 सीटें आती है.जिसमें निर्मली, पिपरा, सुपौल, त्रिवेणीगंज, छातापुर, सिंहेश्वर की सीटें शामिल हैं. इन 6 में से 4 सीट पर जदयू का ही दबदबा है. सिर्फ 1 राजद और 1 पर बीजेपी का कब्जा है.
निर्मली से अनिरुद्ध प्रसाद यादव जदयू विधायक हैं. पिपरा में भी जदयू से रामविलास कामत विधायक है. सुपौल में भी जदयू का कब्जा है यहां से बिजेंद्र प्रसाद यादव विधायक हैं. त्रिवेणीगंज से वीणा भारती जदयू की विधायक है. छातापुर में बीजेपी के नीरज कुमार सिंह विधायक हैं वहीं सिंहेश्वर पर चंद्रहास चौपाल राजद के एकलौते विधायक हैं.
सुपौल की जातीय समीकरण पर गौर करें तो यहां यादव और मुस्लिम वोटरों की बहुलता है. साथ ही ओबीसी और मुसहर वोटर यहां गेम चेंजर साबित होते हैं.
सुपौल में पहला चुनाव 2009 में हुआ इस चुनाव में जदयू के विश्वमोहन कुमार ने जीत हासिल की.
2014 के चुनाव में सुपौल में कांग्रेस ने अपना परचम लहराया और इस सीट से बाहुबली पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन जीत कर दिल्ली पहुंची.
2019 को लोकसभा चुनाव में सुपौल कांग्रेस के हाथों से निकल गई और एक बार फिर यह सीट जदयू के कब्जे में आई. 2019 में जदयू से दिलेश्वर कामैत सांसद बने.
2019 के चुनाव में जदयू के दिलेश्वर कामत ने तत्कालीन कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन को 2 लाख 66 हजार 853 वोटों से हराया था.
दिलेश्वर कामत को 5 लाख 97 हजार 377 वोट मिले थे वहीं रंजीत रंजन को 3 लाख 30 हजार 524 वोट मिले थे.
अब 2024 के चुनाव में एक बार फिर जदयू के टिकट से दिलेश्वर कामैत चुनावी मैदान में हैं और उनके सामने राजद ने अपना प्रत्याशी चंद्रहास चौपाल को बनाया है.
दिलेश्वर दुबारा सुपौल की कुर्सी में बैठेंगी या इस बार यहां राजद अपना परचम लहराएगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. सुपौल लोकसभा