Thursday, October 23, 2025
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Chaibasa: चक्रधरपुर में संथाल समुदाय ने पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया सोहराय पर्व

Chaibasa: पश्चिमी सिंहभूम जिले के विभिन्न क्षेत्रों में संथाल समुदाय द्वारा बुधवार को पारंपरिक महापर्व सोहराय बड़े ही हर्षोल्लास और सांस्कृतिक परंपराओं के साथ मनाया गया। पर्व के अवसर पर संथाल समाज के लोगों ने अपने पशुधन विशेषकर बैल की विधिवत पूजा-अर्चना की तथा उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की।Chaibasa: सांसद जोबा माझी ने की पशुधन की पूजा चक्रधरपुर में पर्व के अवसर पर सिंहभूम की सांसद जोबा माझी ने भी पारंपरिक संथाली पोशाक में सम्मिलित होकर समाज की महिलाओं के साथ पशुधन की पूजा की। उन्होंने पारंपरिक विधि से गाय-बैलों की आरती उतारी और उनके स्वास्थ्य तथा समृद्धि की कामना...

तेजस्वी की झूठी बयानबाजी से जनता नहीं होगी भ्रमित, नीतीश कुमार पर ही भरोसा – JDU

पटना : जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, प्रदेश प्रवक्ता नवल शर्मा एवं पार्टी मीडिया पैनलिस्ट महेश दास ने संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला और जनता के बीच झूठी बयानबाजी करने का आरोप लगाया। उन्होंने तेजस्वी के उस भ्रामक बयान का भी खंडन किया। जिसमें उन्होंने कहा कि महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को दी गई 10 हजार की राशि कर्ज है और उसे महिलाओं को वापस लौटाना होगा। तेजस्वी के बयान को झूठा करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह राशि राज्य...

जनसंपर्क के दौरान JDU उम्मीदवार चंदेश्वर चंद्रवंशी का विरोध

जहानाबाद : बिहार विधानसभा चुनाव के बीच पूर्व सांसद और जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र से जनता दल यूनाइटेड (JDU) उम्मीदवार चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को जनसंपर्क अभियान के क्रम में ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। जहानाबाद में दूसरे चरण 11 नवंबर को मतदान होना है। चंदेश्वर चंद्रवंशी का आज यानी 22 अक्टूबर को रतनी फरीदपुर प्रखंड अंतर्गत पोखमा गांव में जमकर विरोध हुआ। वो अपने पक्ष में वोट मांगने गए थे और प्रचार-प्रसार कर रहे थे। इसी बीच में पोखमा गांव के ग्रामीणों ने उनके सांसद रहते विकास का हिसाब मांगना शुरू कर दिया। पिछले लोकसभा चुनाव में इनको...

अर्थव्यवस्था के लिए क्यों अहम है 2023, भारत के सामने क्या है चुनौतियां

रांची : साल 2023 अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी काफी अहम माना जा रहा है. हालांकि वर्ल्ड बैंक ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर सकारात्मक बातें कही है और जीडीपी के 6.9 प्रतिशत रहने की संभावना जताई है, लेकिन कोरोना की मार और यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच वैश्विक मंदी के संकेत भी मिल रहे हैं.

जाहिर है भारत पर भी इसके असर से इनकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर बनाए रखना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी. पिछले कुछ दिनों में देश में महंगाई में मामूली कमी जरूर आई है और नए साल में खुदरा महंगाई दर घटकर 6.1 पर आने का अनुमान है. यदि सरकार महंगाई को काबू में रखने में कामयाब रहती है तो ये एक बड़ी उपलब्धि होगी.

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नए साल में निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा भारत

विश्व बैंक के आकलन के बाद 2023 में दुनिया भर की नजरें भारत पर होंगी. जी-20 की अध्यक्षता के बाद भारत विश्व परिदृश्य में नई भूमिका में दिखेगा. पिछले आठ वर्षों से देश में लगातार एफडीआई निवेश का नया रिकॉर्ड बनता आ रहा है. फिर भी मौजूदा भू-राजनीतिक चुनौतियों और धीमी पड़ती आर्थिक वृद्धि से जुड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं और आने वाले समय में कुछ नई चुनौती भी आ सकती है. ऐसे में सरकार का जोर निवेशकों को आकर्षित करने और निर्यात बढ़ाने पर रहेगा.

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बहरहाल अर्थशास्त्र के कई जानकारों का मानना है कि सरकार की तरफ से पीएलआई योजनाओं में लगातार किए जा रहे विस्तार का फायदा उठाने के लिए विदेशी निवेशक भारत का रूख करेंगे.

खासतौर से विनिर्माण गतिविधियों में निवेश करना चाहेंगे. सरकार भी विदेशी निवेशकों को कारोबार की मंजूरी देने और उनके रास्ते में आने वाली जटिलताओं को कम करने की लगातार कोशिश कर रही है. नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम (एनएसडब्ल्यूएस) पोर्टल भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है .

अर्थव्यवस्था: बजट पर रहेगी सबकी निगाहें

नया साल आने के साथ ही लोगों की नजरें आने वाले बजट पर होगी. 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है. ऐसे में लोगों को बजट से जितनी ज्यादा उम्मीदें हैं उतनी ही बड़ी चुनौती सरकार के सामने है. सरकार के सामने वैश्विक मंदी के संकेतों और आम लोगों की आकांक्षाओं के बीच अर्थव्यवस्था में संतुलन बनाए रखने की चुनौती होगी.

महंगाई को काबू में रखना सरकार की प्राथमिकता होगी. 2024 के चुनाव को देखते हुए बजट के लोकलुभावन होने के भी कयास लगाए जा रहे हैं.

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