रांची : झारखंड राज्य में कार्यरत 522 SBM(G) कर्मी लगातार राजभवन के समीप सड़क पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है. सरकार के द्वारा अभी तक आंदोलनकारी कर्मियों के साथ वार्ता करने की पहल नहीं की जा रही है। एसबीएम कर्मी संघ के महासचिव कौसर आजाद ने जानकारी देते हुए बताया की अभी तक सरकार ने वार्ता करने से संबंधित विषयों पर कोई पहल नहीं की है जबकि संघ की ओर से लिखित रूप से अपनी समस्या के समाधान के लिए वार्ता करने के लिए मुख्य सचिव और सचिव को आवेदन दिया गया है. सरकार के द्वारा लगातार एसबीएमजी कर्मियों की अनदेखी से नाराज़ आंदोलनकारी विरोध स्वरूप सामूहिक रूप से अपना मुंडन कराया. मुंडन कराने वाले कर्मी सुशांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि लगातार 37 दिनों से चल रहे आंदोलन के बावजूद सरकार के द्वारा किसी भी प्रकार की सुधि नहीं लिया जाना अपने आप में एक विरोधाभास है. सरकार की इसी नीति के विरोध में मुंडन करा कर और एक संदेश सरकार को दिया है कि समस्याओं के समाधान के लिए आगे आयें.
SBM(G) कर्मी गोपाल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि हमने यह मुंडन हेमंत सरकार की निरंकुश नीति की वजह से उठाया है जब केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को लिखित रूप से स्पष्ट निर्देश दिया है कि नई नियुक्ति का यह तात्पर्य नहीं है कि पूर्व से कार्यरत कर्मी को हटा दिया जाए तो इस विषय को सरकार क्यों छुपा रही है. SBM(G) कर्मी विकास कुमार ने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री ने चुनाव के पूर्व अनुबंध कर्मियों की सेवा शर्तों में सुधार करने का वचन दिया था. लेकिन जैसे ही वे राज्य की सत्ता पर आसीन हुए अपने वादों को भुला दिया.
संघ के अध्यक्ष सुमन मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि मुंडन कार्यक्रम के माध्यम से हम सभी कर्मी सरकार के समक्ष अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं और सरकार को चाहिए की अनुबंध कर्मियों की सेवा शर्तों में सुधार करते हुए केंद्र सरकार के निर्देश का पालन करते हुए सभी कर्मियों का समायोजन करें.
रिपोर्ट : मदन सिंह
42 दिन से सड़क पर जमे हैं एसबीएमजी कर्मी, अब तक विभाग ने नहीं ली कोई सुध