तमिलनाडु सरकार में मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि को सनातन धर्म पर दिए गए विवादित बयान को लेकर फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन से पूछा, ‘आपने संविधान के 19(1) ए और 25 के तहत अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है, आप जानते हैं कि आपने क्या कहा है ? आपको उसके परिणामों का एहसास होना चाहिए. आप आम आदमी नहीं हैं, आप एक मंत्री हैं.
सनातन की तुलना कोरोना वायरस से की थी
बीते साल सितंबर में उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस और मलेरिया जैसी बीमारियों से की थी. उन्होंने कहा था कि ‘कुछ चीजें हैं, जिन्हें हमें उखाड़ फेंकना होगा और हम सिर्फ उनका विरोध नहीं कर सकते. मच्छरों, डेंगू, कोरोना और मलेरिया ऐसी चीजें हैं, जिनका हम विरोध नहीं कर सकते. हमें उन्हें उखाड़ फेंकना होगा. सनातन भी ऐसा ही है. विरोध नहीं, इसे जड़ से खत्म करना हमारा पहला काम होना चाहिए.
एडवोकेट सिंघवी ने की बहस
उदयनिधि स्टालिन कई बार सनातन और हिंदू धर्म के खिलाफ बयान देते रहते है. उदयनिधि के विवादित बयानों के खिलाफ भाजपा लगातार उदयनिधि के खिलाफ मोर्चा खोल देती है. सुप्रीम कोर्ट में उदयनिधि स्टालिन के तरफ से एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस की. सुनवाई के दौरान सिंघवी ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी, अमीष देवगन, भारतीय जनता पार्टी नेता नूपुर शर्मा और मोहम्मद जुबैर से जुड़े मामलों का जिक्र किया.सिंघवी ने कोर्ट को याचिका पर एख बार फिर से विचार करने की अपील की. एडवोकेट की तरफ से बार-बार कहने के बाद अदालत याचिका पर विचार करने के लिए तैयार हो गया है. अब मामले पर अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी.