धनबाद: धनबाद में हर्बल कंपनी की दवा खाने से सेवानिवृत बीसीसीएल अधिकारी की पत्नी की मौत हो गई। मृत महिला के पति ने कंज्यूमर कोर्ट में दवा कम्पनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
अब मामले में जांच शुरू हो गई है। कंज्यूमर कोर्ट के निर्देश पर SNMMCH अधीक्षक डॉ अनिल कुमार के नेतृत्व में जांच की जा रही है। एक्सपर्ट ओपिनियन के लिए चिकित्सकों, ड्रग इंस्पेक्टर और तकनीकी विशेषज्ञ की टीम काम में जुट गई है।

किसी हर्बल कंपनी की दवा से किसी महिला को हार्ट अटैक की पहली शिकायत धनबाद में कंज्यूमर कोर्ट में दर्ज कराई गई इसके बाद कोर्ट के आदेश पर SNMMCH अधीक्षक की अगुवाई में जांच शुरू हुई है। सम्बंधित कम्पनी के साथ दवा खाने के लिए बार-बार प्रेरित करने वाली महिला की भूमिका भी जांच के जद में है।
पति ने हर्बल कंपनी के प्रतिनिधि को ठहराया मौत का जिम्मेदार
वहीं रिटायर्ड BCCL अधिकारी अशोक चौधरी ने हर्बल कंपनी के प्रतिनिधि रेनू प्रभा को आरोपी बताते हुए पत्नी की मौत का जिम्मेवार ठहराया है और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि रेनू प्रभा द्वारा पत्नी को गलत तरीके से दवा लेने के लिए प्रेरित करना मानसिक शोषण कर जबरदस्ती दवा दी गई है।
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जिसके कारण उनकी पत्नी को हार्ट अटैक आ गया और उसकी मौत हो गई। उनकी पत्नी पहले से ही हार्ट की मरीज थी बावजूद उन्हें जबरदस्ती तरह-तरह की दवाओं का सेवन कराया गया।
उन्होंने कहा कि प्रभा रानी के द्वारा कई लोगों को झांसे में लेकर हर्बल कंपनी की दवा का सेवन कराया जाता है जबकि उन्हें इसकी कोई भी जानकारी नहीं है और कोई व्यक्ति इसकी चपेट में नहीं आए जिसको लेकर उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया है।
सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है-अधीक्षक डॉ अनिल कुमार
वहीं पूरे मामले पर जानकारी देते हुए अधीक्षक डॉ अनिल कुमार ने बताया कि सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। कंपनी के प्रतिनिधि को भी बुलाया गया है। विधिसम्मत जांच कर रिपोर्ट सबमिट की जाएगी।

इन दिनों कोयलांचल धनबाद के शहरी और ग्रामीण इलाकों में बगैर जानकारी के हर्बल दवाओं का सेवन के लिए प्रेरित करने का मकड़जाल फैला हुआ है। मार्केटिंग का यह फंडा लोगों की जान ले रही है और सिस्टम सोया हुआ है। लोगों में भी जागरूकता का अभाव है।
लोगों को बहला-फुसलाकर दी जा रही है दवा
बिना किसी चिकित्सीय परामर्श का हर्बल दवा के लिए प्रेरित करना एवं अन्य इलाकों में फुसलाकर भारी मात्रा में लोगों के बीच हर्बल दवाओं का इस्तेमाल कर व्यापार करने के मामले में कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
बहरहाल भुक्त भोगी कंज्यूमर कोर्ट के साथ-साथ न्यायालय का भी शरण लिया है तो वहीं दूसरी तरफ अधीक्षक ने भी जांच कर कार्रवाई की बात कही है। अब जांच के बाद क्या निर्णय लिया जाता है और किस प्रकार से पीड़ित पक्ष को न्याय मिलता है यह देखना लाजमी होगा होगा।