पूर्व DGP अनुराग गुप्ता के खिलाफ ZERO FIR दर्ज..अब आगे क्या?

Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने मंगलवार को राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता के खिलाफ रांची के डोरंडा थाने में Zero FIR के रूप में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। अधिवक्ता ने यह शिकायत मीडिया रिपोर्ट्स और झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा सार्वजनिक रूप से लगाए गए आरोपों को आधार बनाकर की है।

शिकायत में कहा गया है कि पूर्व DGP पर लगाए गए आरोप केवल विभागीय अनियमितताओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरा सवाल उठाते हैं। दर्ज किए गए Zero FIR के तहत मामला पहले एसएसपी कार्यालय भेजा जाएगा, जहां प्रारंभिक जांच के बाद इसे आवश्यक दिशा-निर्देशों के साथ डोरंडा थाने को अग्रेषित किया जाएगा। इसके बाद पुलिस द्वारा औपचारिक जांच शुरू होने की संभावना है।

कोयला कारोबारियों से करोड़ों की वसूली का आरोपः

अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि उपलब्ध दस्तावेजों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूर्व DGP अनुराग गुप्ता ने अपने कार्यकाल के दौरान कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा के साथ मिलकर ‘कोयलांचल शांति समिति (KSS)’ नामक संगठन का गठन कराया।

आरोप है कि इस संगठन के माध्यम से कोयला कारोबारियों, ठेकेदारों, ट्रांसपोर्टरों, डॉक्टरों सहित विभिन्न व्यवसायियों से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की गई। शिकायत में दावा किया गया है कि यह वसूली राज्य के कई जिलों में सुनियोजित तरीके से की गई और इसकी निगरानी एवं संरक्षण में उच्च स्तर के अधिकारी शामिल थे।

राज्य के सबसे बड़े आपराधिक नेटवर्क से संबंध का दावाः

शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि पूर्व DGP अपने पद पर रहते हुए झारखंड के सबसे बड़े आपराधिक नेटवर्क को परोक्ष रूप से संचालित कर रहे थे। राजीव कुमार ने दावा किया कि यह नेटवर्क आपराधिक तत्वों, अवैध आर्थिक गतिविधियों और अवैध वसूली पर आधारित था। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रेस वार्ता में आरोप लगाया था कि एक अपराधी के इशारे पर पूर्व DGP ने जेल में बंद अपराधी अमन साहू के साथ कथित फर्जी मुठभेड़ कराने की कोशिश की।

पाकिस्तान से हथियार सप्लाई की बात सामनेः

बाबूलाल मरांडी द्वारा लगाए गए एक अन्य गंभीर आरोप के अनुसार कोयलांचल शांति समिति को पाकिस्तान से प्राप्त हथियार उपलब्ध कराए गए। यदि यह दावा सत्य पाया जाता है तो यह न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गहरा खतरा माना जाएगा। यह पहलू जांच एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह सीधे अंतरराष्ट्रीय अवैध हथियार नेटवर्क से जुड़े होने की संभावना को दर्शाता है।

पद दुरुपयोग और सहयोगियों की संलिप्तता का आरोपः

अधिवक्ता राजीव कुमार ने शिकायत में यह भी लिखा है कि पूर्व DGP द्वारा पद का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये की उगाही की गई। इस अवैध गतिविधि में उनके कुछ सहयोगी अधिकारियों और जवानों के भी शामिल होने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने डोरंडा थाना प्रभारी से प्राथमिकी दर्ज करते हुए पूरे मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है। शिकायत में यह भी आग्रह किया गया है कि जांच के दौरान शामिल किसी भी अधिकारी या पदाधिकारी को बख्शा न जाए।

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