बेगूसरायः तीन जिलों में जहरीली शराब से मौत के विरोध में भाकपा माले ने प्रतिवाद मार्च निकाला. साथ ही मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार का पुतला दहन किया.
मौके पर नेताओं ने कहा कि अफसरशाही के संरक्षण में अवैध शराब का कारोबार किया जा रहा है. सच्चाई है कि बिहार में शराबबंदी एक भद्दा मजाक है, यह पूरी तहर फेल है. बिहार सरकार के आला अधिकारी ही अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त हैं.
इस अवसर पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई और मद्ध निषेध मंत्री सुनील कुमार के इस्तीफे की मांग की गई. साथ ही साथ मृतकों के परिजनों को 20-20 लाखों का मुआवजा दिया जाने का मांग की गई.
नेताओं ने कहा कि हर बार जहरीली शराब से मौत के बाद छोटे अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया जाता है. असली गुनाहगार डीएम-एसपी पर कोई कार्रवाई नहीं होती. शराबबंदी के समय भाकपा माले ने इस कानून का भरपूर समर्थन किया था. लेकिन, नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए की शराबबंदी क्यों फेल है. लोग जहरीली शराब से मर क्यों रहे हैं. शराबबंदी के नाम पर हजारों गरीबों को जेल में ढूंस दिया गया. जबकि शराब के कारोबार में शामिल अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं हो रही.
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