RANCHI: विधायक दल की बैठक – झारखंड स्थापना दिवस कार्यक्रम के बीच
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देर शाम विधायक दल की बैठक बुलाई है।
दिनभर की सियासी गहमागहमी के बीच राजनीतिक कारणों से भी स्थापना दिवस कार्यक्रम
आज प्रभावित रहा है। मोरहाबादी में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में
राज्यपाल रमेश बैस का नहीं पहुँचना
और उससे पहले राष्ट्रपति के दौरे में बदलाव के कारण
भी सरकार के आयोजन को लेकर उहापोह की स्थिति बनी रही।
स्थापना दिवस के कार्यक्रम में नहीं आए राज्यपाल
सुबह से ही मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच
कार्यक्रम को लेकर समन्वय में कमी दिखी।
सुबह बिरसा मुंडा की समाधी पर राज्यपाल
रमेश बैस पहले पहुंचे और उनके बाद मुख्यमंत्री पहुंचे।
राष्ट्रपति के प्रोग्राम में बदलाव के कारण खुंटी में भी
प्रशासन कई मामलों को लेकर दुविधा में दिखा।
हालांकि तयशुदा प्रोग्राम के तहत मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों ही राष्ट्रपति की आगवानी के लिए
पहले हवाई अड्डा पर पहुंचे।
बाद में उलीहातु में बिरसा भगवान की जन्मस्थली पर
भी मुख्यमंत्री और राज्यपाल पहुंचे।
वहां जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी मौजूद थे।
इसके बाद ये उम्मीद जताई जा रही थी कि
राज्य सरकार द्वारा आयोजित प्रोग्राम में
राज्यपाल भी पहुंचेंगे। मंच पर उनकी बड़ी सी तस्वीर भी लगी थी। लेकिन राज्यपाल इस प्रोग्राम में शामिल नहीं हुए।
माना जा रहा है कि अंतिम समय में प्रोग्राम में
फेरबदल के कारण समन्वय नहीं हो पाया
और प्रोग्राम में अंतिम समय तक बदलाव करना पड़ा।
इस बीच सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री को निशाने पर लिया।
उन्हेांने लिखा – मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी की नजर में महामहिम झारखंड के राज्यपाल चपरासी के बराबर हैं।
आज स्थापना दिवस है और आज ही उनको निमंत्रण, इतना अहंकार, शब्दों की मर्यादा नहीं!
आज अखबार के विज्ञापन में राज्यपाल की फोटो नहीं,
यह राज्य प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है और इसके अधिकारी उनके चमचे
इन सियासी गहमागहमी के बीच अब सबकी नजर मुख्यमंत्री आवास पर बुलाई गई विधायक दल की बैठक पर है।
अचानक बुलाई गई इस बैठक का एजेंडा क्या है यह समाचार लिखे जाने तक स्पष्ट नहीं है।