4 दिवसीय महापर्व छठ संपन्न, बिहार के हर जिलों से लाखों व्रतियों ने उदीयमान सूर्य का दिया अर्घ्य

4 दिवसीय महापर्व छठ संपन्न, बिहार के हर जिलों से लाखों व्रतियों ने उदीयमान सूर्य का दिया अर्घ्य

औरंगाबाद/मधेपुरा/जमुई/बांका/पटना सिटी : बिहार की राजधानी पटना में छठ पूजा के अंतिम दिन शुक्रवार यानी आठ नवंबर को श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। पटना के अलावा औरंगाबाद, मधेपुरा, जमुई, बांका और पटना सिटी में भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने नदियों और तालाबों पर जाकर सूर्य की उपासना की। इसे साथ ही चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा संपन्न हो गया।

औरंगाबाद जिले देव सूर्य मंदिर में दिखा आस्था का सैलाब

औरंगाबाद के पौराणिक भगवान भाष्कर की नगरी देव में लोक आस्था के महापर्व छठ व्रत के आज चौथे दिन देव सूर्य कुण्ड तलब में तकरीबन 12 लाख से ऊपर श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अपना अर्घ्य आर्पित किया। तालाब में स्नान कर भारी संख्या में श्रद्धालु दंडवत देते हुए मंदिर पहुच भगवान भास्कर की दर्शन किया। इसी के साथ छठ महाव्रत के अनुष्ठान को श्रद्धालुओं ने पारण करने के उपरांत समाप्त कर दिया है। जब श्रद्धालुओं से व्यवस्था को लेकर बात किया गया तो सभी ने जिला प्रसासन के द्वारा अच्छी व्यवस्था किए जाने का बात कहा है। आज यह लोक आस्था का महापर्व छठव्रत भगवान भाष्कर के नगरी देव में शांति पूर्ण तरीके से संपन्न हो गया है।

मधेपुरा में उदयमान सूरज को अर्घ्य देने के छठपर्व संपन्न

मधेपुरा में उदयमान सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का समापन हो चुका है। सुबह होते ही मधेपुरा जिले के गंगापुर के सुरसड़ नदी छठ घाट, भिरखी छठ घाट और मुरलीगंज छठ घाट सहित जिले के सभी छठ घाटों पर वर्ती अपने परिवार संग घरों से निकलकर अपने पास के छठ घाट पर पहुंचे और उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की सुख शांति की कामना की।

मधेपुरा में उदयमान सूरज को अर्घ्य देने के छठपर्व संपन्न

छठ पर्व को लेकर मधेपुरा जिले के गंगापुर के सुरसड़ नदी छठ घाट, भिरखी छठ घाट और मुरलीगंज छठ घाट सहित तमाम छठ घाटों पर एसडीआरएफ और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मान्यताओं के अनुसार, सूर्योदय होते समय अर्घ्य देने से सुख समृद्धि का वरदान मिलता है। साथ ही संतान प्राप्ति की मनोकामना और संतान की रक्षा का वरदान भी व्यक्ति के मिलता है। साथ ही सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

पटना सिटी में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया लोक आस्था का महापर्व छठ

छठ महापर्व के अंतिम दिन आज पटना सिटी के ही नहीं पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व संपन्न हो गया। छठव्रती सुबह उगते हुए सूर्य का अर्ध्य देकर छठ पर्व का समापन किया। जैसे ही छठव्रती को सुबह का सूर्य दिखाई दिया लोगों ने जल और दूध के साथ भगवान भास्कर का अर्ध्य दिया और पूजा अर्चना की। कई छठव्रती अपने घर के छत पर छठ पूजा मनाया। काफी संख्या में छठ व्रती महिलाएं, पुरुष के साथ घर के परिवार और बच्चे इस महापर्व में शामिल हुए।

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उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ का समापन, आस्था का महासैलाब बांका के विभिन्न घाटों पर उमड़ा

बांका में लोक आस्था का महापर्व छठ बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। उगते सूर्य भगवान को अर्घ्य देने का साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ आज से खत्म हो गया। छठ व्रतियों ने जिले के अलग-अलग पोखरों, नदी और अन्य छठ घाटों में उगते सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया। लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के चौथे दिन छठ व्रतियों ने उगते हुए सूर्य के पहली किरण को अर्घ्य देकर पूजा का समापन किया। छठ व्रति महिलाओं ने 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर भाव भक्ति और श्रद्धा के साथ यह पर्व मनाया। छठ महापर्व पर महिलाएं पुत्र प्राप्ति सुख समृद्धि तथा परिवार कल्याण के लिए प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य की उपासना करती हैं।. यह महापर्व नहाए-खाए के साथ शुरू हुआ था।

उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ का समापन, आस्था का महासैलाब बांका के विभिन्न घाटों पर उमड़ा

वहीं आज के दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व छठ को समाप्त किया गया। हजारों की संख्या में श्रद्धालु की भीड़ सुबह से ही छठ घाट पर उपस्थित थे। यह पर्व बांका जिले शहरी क्षेत्रों के अलावा अमरपुर, कटोरिया, बौसी चांदन और रजौन सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में भी कई छठ घाट पर मनाया जाता है। कुछ खतरनाक घाटों पर जिला प्रशासन की ओर से सभी व्यवस्था की गई थी। वहीं, कुछ जगहों पर बड़े-बड़े तोरण द्वार, विशाल पंडाल और भगवान भाष्कर की मूर्ति को भी लगाया गया था। अंतिम दिन बौसी के मंदार पाप हरनी बांका के चांदन एमआरडी घाट और अमरपुर के चनसार पोखर घाट और पैनिया नाथ घाट आदि घाटों पर अधिक भीड़ होती हुई। जिसके साथ किसी भी प्रकार की घटना को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद थी। जगह-जगह चौक-चौराहा पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी। महिलाएं सज धज कर सुबह से ही छठ घाट पर भारी संख्या में पहुंची थी। पूरे छठ घाट पर भक्ति गीतों से भक्ति मय माहौल हो गया था। शांति पूर्ण तरीके से जिले का महापर्व छठ संपन्न हुआ।

जमुई में सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ खत्म

जमुई में भी सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ का आज समापन हो गया। आज अहले सुबह ही पर्व करने वाले पुरुष और महिलाएं जमुई के किउल नदी स्थित घाटों पर पहुंच गए। श्रद्धालुगण भी भारी संख्या में घाट पर उपस्थित थे। पर्व करने वाले सूर्योदय के इंतजार और भगवान भष्कर के दर्शन के लिए बीच नदी में खड़े थे। जैसे ही भगवान भास्कर ने कोहरे के बीच से अपना दर्शन दिया सभी उन्हें अर्ध्य देने लगे। लोक आस्था का महापर्व छठ अब इतना प्रचलित हो गया है कि इस व्रत को अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा है। उदीयमान भगवान भाष्कर को जलाभिषेक कर इस महापर्व का समापन हो गया।

जमुई में सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ खत्म

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दीनानाथ मौआर, रमण कुमार, दीपक कुमार, उमेश चौबे और बृजमोहन भगत की रिपोर्ट

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