प्रयागराज : महाशिवरात्रि से ऐन पहले महाकुंभ में अब तक 64.33 करोड़ 21 लाख श्रद्धालुओं ने लगा चुके पावन डुबकी। महाशिवरात्रि से ऐन पहले मंगलवार सायं 4 बजे तक गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम त्रिवेणी वाली जलधारा में 64.33 करोड़ 21 लाख श्रद्धालुओं के पावन डुबकी लगाने की गिनती पूरी हो चुकी थी।
यह गिनती पौष पूर्णिमा पर शुरू हुए महाकुंभ के स्नान से अब तक का है। बुधवार को पड़ रहे महाशिवरात्रि से ऐन पहले मंगलवार सायं शुरू हो चुके त्रयोदशी तिथि में केवल आज डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की गिनती 97.21 लाख के पार पहुंच चुकी है।
इस गिनती की पुष्टि महाकुंभ 2025 मेला प्रबंधन और यूपी सरकार ने किया है। इसे देखते हुए महाशिवरात्रि पर यह आंकड़ा 66 करोड़ के पार हो जाने की संभावना है।
सायं 4 बजे से ही महाकुंभ बना नो व्हीकल जोन…
लगातार बढ़ रहे आस्था के इस महाज्वार को देखते हुए स्वास्थ्य और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर मेला प्रशासन की ओर से एडवाइजरी जारी कर दी गई है। सुगम यातायात के लिए मेला क्षेत्र को मंगलवार सायं 4 बजे से नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है।
साथ ही प्रयागराज कमिश्नरेट क्षेत्र को सायं 6 बजे से नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है। मेला प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी के अनुसार सभी श्रद्धालु मेला क्षेत्र में प्रवेश करते समय सबसे नजदीकी घाट पर ही स्नान करें।
दक्षिण झूंसी से आने वाले श्रद्धालुगण ऐरावत घाट पर स्नान करेंगे। उत्तरी झूंसी से आने वाले श्रद्धालु संगम हरिश्चंद्र घाट और संगम ओल्ड जीटी घाट पर नहाएंगे। इसी तरह परेड ग्राउंड से मेले में आने वाले श्रद्धालु संगम द्वार भरद्वाज घाट, संगम द्वार नागवासुकि घाट, संगम द्वार मोरी घाट, संगम द्वार काली घाट, संगम द्वार रामघाट और संगम द्वार हनुमान घाट पर डुबकी लगाएंगे।
अरैल क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु संगम घाट अरैल घाट पर स्नान करेंगे। किसी भी आवश्यक सामग्री दूध, सब्जी, दवाइयां, पेट्रोल, डीजल एंबुलेंस आदि गाड़ियों और सरकारी कर्मचारियों डॉक्टर, पुलिस, प्रशासन के मूवमेंट को कहीं नहीं रोका जाएगा।
महाकुंभ स्नान पर्व के साथ ही महाशिवरात्रि पर्व भी है। ऐसे में श्रद्धालुओं से आग्रह किया गया है कि वह संगम में स्नान करने के बाद शिवालयों में दर्शन कर अपने गंतव्य के लिए रवाना हो जाएं।


महाशिवरात्रि पर महाकंभ में तैनात हुई टॉप अधिकारियों की टीम
महाकुंभ में बुधवार को महाशिवरात्रि पर होने वाले अंतिम अमृत स्नान के साथ ही इस 45 दिनों तक चलने वाले विश्व के सबसे बड़े धार्मिक उत्सव का समापन होना है।
ज्योतिषियों के अनुसार, महाकुंभ के समापन पर त्रिग्रही योग का निर्माण हो रहा है। मतलब त्रिग्रही योग में इस महाकुंभ का समापन होगा। मान्यता है कि इस त्रिग्रही योग में जो भी महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाएगा उसे अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य फल मिलेगा।
ऐसे में महाकुंभ के इस दिव्य और भव्य आयोजन में महाशिवरात्रि के अंतिम महत्वपूर्ण स्नान को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। CM Yogi आदित्यनाथ ने इसे लेकर विशेष निर्देश जारी किए हैं।
इसके तहत स्वास्थ्य और सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले टॉप के अधिकारियों को पूरे मेला क्षेत्र में 24 घंटे मुस्तैद रहने के लिए कहा गया है ताकि श्रद्धालु निर्बाध रूप से पवित्र स्नान और धार्मिक अनुष्ठान कर सकें।
महाकुंभ मेला प्रशासन के अनुसार पांटून पुलों का संचालन भीड़ का दबाव देखते हुए किया जाएगा। सभी घाटों पर स्नान की एक समान ही पुण्य और महत्ता है। इसलिए अपने नजदीकी घाट पर स्नान करके अविलंब अपने गंतव्य के लिए रवाना हो जाएं।


महाकुंभ 2025 में 7 बार श्रद्धालुओं की संख्या पहुंची 2 करोड़ के पार
इस बार महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं के आस्था के हिलोरों के महाज्वार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक संगम त्रिवेणी में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 7 बार 2 करोड़ के पार जा चुका है। यही नहीं, महाकुम्भ में ऐसा 12 बार हो चुका है जब गंगा स्नान करने वाले डेढ़ (1.5) करोड़ लोगों की यहां संगम की रेत पर सहभागिता रही।
बीते 10 दिनों से लगातार चढ़ रहे आस्था के इस महाज्वार को देखते हुए स्वास्थ्य और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सरकारी तौर पर दावा भी किया जा रहा है कि सनातन धर्मावलंबी जितनी बड़ी संख्या में यहां पहुंचे हैं, उतने पूरी दुनिया में आज तक कहीं दूसरी जगह एक साथ एकत्र नहीं देखे गए।
पिछले 10 दिनों से हर दिन सवा करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान कर रहे हैं। जिससे महाकुंभ क्षेत्र के साथ साथ पूरे देश में भक्तिमय माहौल बना हुआ है। महाकुंभ में पवित्र स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में देश के कोने कोने से लोग पहुंचे।
यही नहीं, विभिन्न देशों से प्रयागराज आने वाले विदेशी श्रद्धालुओं की भी इनमें अच्छी खासी तादाद रही है। बात सिर्फ प्रमुख स्नान की हो तो करीब 17 करोड़ से अधिक श्रद्धालु इस दौरान संगम तट पर पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई।
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