छत पर पतंग के पीछे दौड़ते हुए दूसरी मंजिल से नीचे गिर गया 8 वर्षीय बादल कुमार: रिम्स में इलाज जारी

रांची: हजारीबाग जिले के मांडू थाना क्षेत्र के बलसगरा में 8 वर्षीय बादल कुमार पतंग के पीछे दौड़ते हुए दूसरी मंजिल से नीचे गिर गया। घायल अवस्था में उसे तुरंत प्राइवेट अस्पताल से रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) रेफर किया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। फिलहाल, पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में डॉ. अभिषेक रंजन के नेतृत्व में उसका इलाज चल रहा है।

बताया जा रहा है कि रिम्स पहुंचने के दौरान बादल की हालत काफी गंभीर थी। रिम्स की आईसीयू में बेड खाली नहीं होने के कारण उसे करीब 40 मिनट तक एंबुलेंस में ही वेंटिलेटर पर रखा गया। इस दौरान रिम्स के विभिन्न विभागों के डॉक्टरों के बीच भर्ती को लेकर चर्चा चलती रही, जिसके कारण बादल को एंबुलेंस में तड़पना पड़ा। अंततः उसे रिम्स के सुपर स्पेशियलिटी बिल्डिंग में स्थित पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया।

बादल के रिश्तेदारों ने बताया कि उसे नजदीकी अस्पताल से रिम्स रेफर किया गया था। जांच के दौरान पता चला कि उसके ब्रेन में गंभीर चोटें आई हैं, सिर और नाक की हड्डी टूट गई है, बायीं ओर का जबड़ा भी डैमेज हो गया है, और एक पैर की हड्डी भी टूट गई है। इस कारण उसे मल्टीपल इंज्युरी के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया है।

संतोष कुमार, जो बादल के जानने वाले हैं, ने बताया कि हादसा तब हुआ जब बादल छत पर पतंग उड़ाते हुए अचानक पतंग के पीछे दौड़ने लगा और वह दूसरी मंजिल से नीचे गिर गया।

बच्चों को पतंग उड़ाने के दौरान कुछ विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। रिम्स मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. बी. कुमार ने कहा कि बच्चों को जब भी छत पर भेजें, तो उन पर कड़ी निगरानी रखें। उनका सुझाव है कि बच्चों को अकेले छत पर नहीं भेजना चाहिए और पतंग भी उनकी निगरानी में उड़ानी चाहिए। साथ ही, बच्चों को मांझे से दूर रखना चाहिए और उन्हें सुरक्षा के उपायों के साथ ही छत पर जाने देना चाहिए।

साथ ही, डॉ. कुमार ने यह भी सलाह दी कि पतंग उड़ाने के लिए ऐसी छत का चयन करें, जहां बाउंड्री वॉल हो, और बच्चों को हमेशा ऐसे स्थानों से दूर रखें जहां बिजली के खंभे या पॉवर लाइन्स हों।

 

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