रांची: रिम्स के मेडिकल छात्र – झारखंड के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान रिम्स के छात्रों के लिए गुरुवार का दिन एक कठिनाईयों भरा रहा है। 20 जुलाई को प्रबंधन के आदेश ने उनके लिए कठिनाइयों का सामना करने को मजबूर कर दिया है।
रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के प्रबंधन ने जारी किया आदेश, जिसमें सभी छात्रों को गुरुवार देर शाम तक हॉस्टल खाली करने को कहा गया है, अन्यथा प्रबंधन उनकी जिम्मेदारी नहीं उठाएगा।
आदेश जारी होने के बाद, छात्र अपने टीचर्स और डीन से अनुरोध कर रहे थे कि उन्हें कुछ दिनों के लिए रुकने की अनुमति दी जाए, ताकि वे अपने अपने घर जाने के लिए टिकट आदेशानुसार कर सकें। लेकिन प्रबंधन ने आदेश को वापस नहीं लिया और इसके परिणामस्वरूप कई छात्र बिना टिकट के ही अपने घर की यात्रा पर निकल पड़े।
कुछ छात्रों का घर रांची और आसपास के जिलों में था, जिसके कारण उन्होंने अपने वाहनों का उपयोग करके यात्रा की।
लेकिन कुछ छात्रों के घर अन्य राज्यों में थे और उन्हें सैकड़ों किलोमीटर दूर जाना पड़ा, जिससे उनके लिए हॉस्टल छोड़ना वास्तव में मुश्किल रहा।
सड़क पर रात गुजराने को मजबूर हुए रिम्स के मेडिकल छात्र
एक छात्र ने बताया कि उन्हें ट्रेन नहीं मिलने के कारण देर रात तक रांची रेलवे स्टेशन पर रुकना पड़ा और फिर वे अपने घर जाने के लिए बिना टिकट के एक ट्रेन का सहारा लेने के लिए मजबूर हुए। उसी तरह, राजस्थान की एक छात्रा को भी टिकट नहीं मिलने के कारण वह लंबी समय तक सड़कों पर बिताने को मजबूर हुई और अंत में उसे एक मित्र के घर में शरण लेनी पड़ी।
आदेश के फलस्वरूप, कई छात्रों को ट्रेन नहीं मिलने से कई देर तक होटलों में ठहरना पड़ा। कुल मिलाकर, करीब 900 छात्र-छात्राएं ने गुरुवार देर शाम तक हॉस्टल खाली कर दिया। इससे पहले प्रबंधन ने सभी छात्रों को अगले 15 दिनों के लिए हॉस्टल खाली करने के आदेश जारी किए हैं। उन्हें नए हॉस्टल में आलॉट किया जाएगा जिसके बाद वे अपने अध्ययन को जारी रख सकेंगे।
पिछले दिनों हुई नोकझोंक के कारण करीब 900 मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए बहुत सी मुश्किलें पैदा हुई थीं। हालांकि, छात्रों ने अपने अनुरोधों के जरिए वाहनिक और स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं को प्रबंधन को बताया था, जिसके बाद कुछ छात्रों को हॉस्टल में एक रात की अनुमति दी गई थी जिससे वे अपने अपने घर जाने के लिए समय निकाल सकें।