पलामूः राष्ट्रीय परशुराम सेना भार्गव पलामू के पावन भूमि पर झारखण्ड के प्रथम चिरंजीवी भगवान परशुराम मंदिर का निर्माण कर रही है, जिसकी लागत तकरीबन दो करोड़ बतायी जा रही है। इस मंदिर का निर्माण दक्षिण भारत से आए कारीगरो के द्वारा किया जा रहा है। इस निर्माणाधीन परशुराम मंदिर के प्रांगण, राष्ट्रीय परशुराम सेना भार्गव के पदाधिकारियों, सदस्यों एवं शहर वासियों ने मिलकर दीपक जलाया।
इसमें दीपक एवं गूगल के साथ मिलाकर, भारत माता की आकृति, शांति का प्रतीक ओम, स्वास्तिक, भगवान राम, भगवान परशुराम की जय घोष की कलाकृतियां दीप के द्वारा ही बनाई गई थी जो शहर वासियों के लिये आकर्षण का मुख्य केंद्र बना रहा।
शहरवासियों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
शहर वासियों के द्वारा इतनी ज्यादा संख्या में दीपोत्सव किसी मंदिर पर प्रज्वलित होना एक नया अहसास था, जिसे देख लोग काफ़ी उत्साहित थे। राष्ट्रीय परशुराम सेना भार्गव के पदाधिकारियों के द्वारा पूर्व से इस कार्यक्रम को लेकर आह्वान किया गया था। एक दीप अपने प्रभु अपने आराध्य को मंदिर परिसर में आकर अपने नाम से समर्पित करें।
इसमें शहर वासियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया वहीं दीपोत्सव प्रज्वलित करने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। दीप प्रज्वलित करने से पूर्व धर्माचार्य रमेश पांडे के द्वारा स्वस्तिवाचन एवं मंत्रोच्चार के साथ दीपोत्सव शुरू की गई। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय परशुराम सेना भार्गव पलामू जिला अध्यक्ष मधुकर शुक्ला ने कहा कि दीप प्रकाश का द्योतक है, तो प्रकाश ज्ञान का।
शुभ काम करने से पहले दीपक जरुर जलाएं
परमात्मा से हमें संपूर्ण ज्ञान मिले इसीलिए दीप प्रज्वलन करने की परंपरा है। कोई भी पूजा हो या किसी समारोह का शुभारंभ, समस्त शुभ कार्यों का आरंभ दीप प्रज्वलन से ही होता है। जिस प्रकार दीप की ज्योति हमेशा ऊपर की ओर उठी रहती है, उसी प्रकार मानव की वृत्ति भी सदा ऊपर ही उठे, यही दीप प्रज्वलन का अर्थ है। अत: समस्त कल्याण की चाह रखने वाले मनुष्य को दीप जलाना चाहिए, निश्चित ही आपका कल्याण होगा।