23 शिक्षकों को नोटिस, वेतन पर रोक

रांची: सरकारी स्कूल में संचालित प्रसास सह प्रोजेक्ट इंपैक्ट की वस्तुस्थिति की पड़ताल के लिए जिलों के भ्रमण में गई पदाधिकारियों की राज्य स्तरीय टीम ने चार जिलों में शिक्षकों  के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की है।

रांची: सरकारी स्कूल में संचालित प्रसास सह प्रोजेक्ट इंपैक्ट की वस्तुस्थिति की पड़ताल के लिए जिलों के भ्रमण में गई पदाधिकारियों की राज्य स्तरीय टीम ने चार जिलों में शिक्षकों  के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की है।

इसके तहत टीम ने गुमला के 23 शिक्षकों को नोटिस भेजकर आवश्यक कार्रवाई करने तथा गुमला, पलामू एवं जामताड़ा के एक-एक शिक्षक का वेतन रोकने की अनुशंसा की है।

झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक आदित्य रंजन के निर्देश पर 24 पदाधिकारियों के नेतृत्व में तीन-तीन सदस्यीय टीम विभिन्न जिलों में सरकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण कर रही है।

इस क्रम में सोमवार को कई सरकारी स्कूलों में टीम द्वारा औचक निरीक्षण कर स्कूलों में शैक्षणिक वातावरण, शिक्षकों एवं बच्चों की उपस्थिति, आदि की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट परिषद को भेजी गई है।

टीम ने कई स्कूलों में शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों को लापरवाही बरतने एवं परिषद के आदेशों की अवहेलना करने के मामले में दोषी पाया। टीम के निर्देश पर गुमला के 23 शिक्षकों को ई-विद्यावाहिनी पोर्टल में नियमित बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं करने के मामले में शो काज नोटिस जारी किया गया है।

इन शिक्षकों को तीन दिन के अंदर जवाब देने को कहा गया है। टीम ने संतोषजनक जवाब नहीं कार्रवाई करने की अनुशंसा की है।

गुमला के जिन शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें शशि तिर्की, किरण प्रसाद, पिंटू बाड़ा, अशोक साहू, प्रियंका कुमारी, मोहम्मद असलम, संगीन मिंज, उज्ज्वला मिंज, श्वेता पांडे, जाकिर हुसैन, पुनीत मिंज, फिलसिता टोप्पो, सुधा लकड़ा, अनुपमा केरकेट्टा, शांता जोजवार, रश्मि तिग्गा, ब्रिजेट कुजूर, अभिषेक लकड़ा, महादेव साहू, मुनमुन लकड़ा, हेमंत महतो, नैंसी प्रिया तथा लीना कुजूर सम्मिलित हैं। इसी तरह गुमला टीम इन जिलों के एक-एक स्कूल में लैब कार्यशील नहीं रहने एवं बच्चों की कम उपस्थिति के लिए शिक्षकों को जिम्मेदार माना है। गुमला के कामडारा स्थित कुरकुरा राजकीयकृत प्लस टू उच्च विद्यालय और पलामू के पाटन के राजकीयकृत प्लस टू हाई स्कूल के शिक्षकों और प्रधानाध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए इन दोनों स्कूलों के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के वेतन रोकने की अनुशंसा की है।

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