साहिबगंज : साहिबगंज जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रूढ़िवादी सोच और अंधविश्वास की जड़ें समाज पर आज भी हावी है. इसका जीता-जागता उदाहरण राजमहल के कन्हैया स्थान में देखने को मिला. सर्पदंश से एक बच्चे की मौत होने के बाद केले के थंब का नाव बना शव को रख गंगा में बहा दिया. इसके पीछे ग्रामीणों की रूढ़िवादी सोच यह है कि बच्चे के शरीर में गंगा का पानी रसने के बाद सांप का जहर उतर जाएगा और बच्चा जिंदा होकर वापस आ जाएगा.
दरअसल साहिबगंज स्थित राजमहल थाना क्षेत्र के कन्हैया स्थान के निकट पत्थरचट्टी गांव निवासी बिपोति मंडल का आठ वर्षीय पुत्र मुन्ना मंडल की मौत सर्पदंश से हो गई. इसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने रूढ़िवादी सोच और अंधविश्वास में केले का थंब का नाव बना गंगा में प्रवाहित कर दिया. इसके पीछे रूढ़ीवादी सोच यह है कि पानी से शरीर भींग जाने और पानी के शरीर में रह जाने पर सांप का जहर उतर जाएगा.
क्या है पूरा मामला
स्थानीय लोगों ने बताया कि मुन्ना मंडल अपने घर के पास बेहोश होकर गिरा हुआ था. लोगों ने उसके पैर में सांप काटने के निशान देखा तो आनन-फानन में उसे राजमहल अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. बच्चे के पिता बिपोति मंडल फिलहाल केरल में मजदूरी करता है. बच्चे की मां तरिया देवी भी दूसरे के खेतों में काम कर परिवार का भरण-पोषण करती है. बेटे की सर्पदंश से मृत्यु होने की खबर सुनते ही मां तरिया देवी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. उनके तीन बेटे व एक बेटी है. मृतक मुन्ना मंडल सबसे छोटा था. इस संबंध में सीएस अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि यह रूढ़िवादी सोच की बानगी है. सर्पदंश का इलाज अस्पताल में होता है. इसका इंजेक्शन सदर अस्पताल में मौजूद है.
रिपोर्ट : अमन राय