पटना: पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर पटना सदर SDO ने फुलवारीशरीफ सीएचसी का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान 01 चिकित्सक, 05 एएनएम तथा 04 कार्यालय परिचारी अनुपस्थित पाए गए। जिलाधिकारी ने इन सभी 10 अनुपस्थित चिकित्सक एवं कर्मियों का एक दिन का वेतन अगले आदेश तक अवरूद्ध करते हुए सभी से शो-कॉज किया है। उन्होंने कहा कि स्पष्टीकरण का जवाब यदि संतोषजनक नहीं पाया जाएगा तो लापरवाह अधिकारियों एवं कर्मियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक तथा विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।
पटना सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने लगभग 10.55 बजे पूर्वाह्न औचक निरीक्षण किया। इस दौरान चिकित्सक डॉ दीपा सिंह दो दिनों से अनुपस्थित थीं। एएनएम निशा कुमारी, पूजा कुमारी, अंजली राज, खुशबु रानी तथा शोभा कुमारी एवं कार्यालय परिचारी रामेश्वर चौधरी, सलमा सितारा, वीरेन्द्र कुमार झा एवं धर्मेन्द्र कुमार भी अनुपस्थित पाए गए। धर्मेन्द्र कुमार दो दिनों से अनुपस्थित थे।
जिलाधिकारी ने कहा कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी अनुपस्थित चिकित्सक एवं कर्मियों का आज का वेतन अगले आदेश तक अवरूद्ध करते हुए उन सभी से स्पष्टीकरण किया गया है। विदित हो कि डीएम डॉ सिंह के निदेश पर जिला-स्तरीय, अनुमंडल-स्तरीय एवं प्रखंड-स्तरीय धावा दलों द्वारा विभिन्न कार्याेलयों का नियमित तौर पर औचक निरीक्षण किया जा रहा है। जिला-स्तरीय धावा दल में तीन सदस्य अपर जिला दंडाधिकारी (आपूर्ति), स्थापना उप समाहर्ता तथा जिला कल्याण पदाधिकारी हैं।
प्रति अनुमंडल तीन धावा दलों का गठन किया गया है। इस प्रकार 18 अनुमंडल-स्तरीय धावा दल सक्रिय है। 23 प्रखंड-स्तरीय धावा दलों का गठन किया गया है। प्रत्येक प्रखंड-स्तरीय दल में तीन पदाधिकारी तैनात किए गए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि इन धावा दलों द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रखंड-सह-अंचल कार्यालयों, आईसीडीएस कार्यालयों, स्वास्थ्य केन्द्रों, अस्पतालों, लोक सेवा केन्द्रों, निबंधन कार्यालयों सहित सभी कार्यालयों एवं शाखाओं का औचक जाँच किया जा रहा है।
ज़िलाधिकारी ने सभी कार्यालयों के नियंत्री अधिकारियों को अपने-अपने कार्यालयों में सभी कर्मियों एवं पदाधिकारियों का बायोमेट्रिक एटेंडेंस प्रणाली से उपस्थिति दर्ज कराना सुनिश्चित करने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा कि इसका अनुपालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रायः ऐसी शिकायतें प्राप्त होती रहती है कि अनुमंडल, प्रखंड, अंचल कार्यालयों तथा अनुमंडलीय अस्पतालों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थापित पदाधिकारी, चिकित्सक एवं कर्मचारीगण समय पर कार्यालय/अस्पताल में उपस्थित नहीं रहते हैं। इससे न केवल कार्यालय की कार्य-संस्कृति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है बल्कि आम लोगों को भी काफी असुविधा होती है।
उन्होंने कहा कि आधिकारिक कर्तव्यों पर पदाधिकारियों एवं कर्मियों की समय से उपस्थिति अच्छी कार्य-संस्कृति की पहली आवश्यकता है। समय पर कार्यालय नहीं आना सरकारी सेवक के लिए निर्धारित आचरण के विरूद्ध कृत्य है। सभी कार्यालय प्रधानों को सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है कि उनके क्षेत्राधीन पदाधिकारी एवं कर्मी कार्यालय में निर्धारित समय पर उपस्थित रहें।
जिलाधिकारी ने कहा कि क्षेत्रीय कार्यालयों एवं अस्पतालों के जाँच के लिए पदाधिकारियों को प्राधिकृत किया गया है जो समय-समय पर यहाँ औचक निरीक्षण करेंगे तथा बायोमेट्रिक सहित उपस्थिति की जाँच करेंगे। जाँच के उपरांत निरीक्षी पदाधिकारियों द्वारा उसी दिन अपने मंतव्य के साथ प्रतिवेदन समर्पित किया जाएगा। अनुपस्थित पदाधिकारियों, चिकित्सकों एवं कर्मियों के विरूद्ध विधि-सम्मत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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पटना से चंदन तिवारी की रिपोर्ट
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