डिजीटल डेस्क : Kerala Landslide Updates – वायनाड में भूस्खलन में 108 की मौत, 4 हजार बचाए गए, केरल में दो दिन का राजकीय शोक। केरल के वायनाड में मंगलवार को कई जगहों पर भारी बारिश के बाद भूस्खलन की हुई घटनाओं में 108 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। अभी भी सैकड़ों लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है जिसके कारण मौतों की संख्या बढ़ सकती हैं। करीब 4 हजार लोगों को भूस्खलन वाले इलाके से सुरक्षित निकाल लिए जाने की जानकारी स्थानीय प्रशासन और शासन ने दी है। इलाके में भारी बारिश के कारण बचाव कार्य भी बाधित हो रहा है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि इसमें मरने वाले 34 व्यक्तियों के शवों की पहचान की जा चुकी है। इनमें से 18 शव मृतकों के परिवारों को सौंप दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के पोथुकल में चलियार नदी से 16 शव मिले हैं। इसके अलावा शवों के टुकड़े भी बरामद किए गए हैं। केरल सरकार ने भूस्खलन में लोगों की मौत के बाद प्रदेश में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
इस प्राकृतिक आपदा में मारे गए चार गांव के लोगों का सही ब्योरा मिलना मुश्किल
वायनाड जिले के चूरालमाला कस्बे में एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत हुई, जबकि थोंडरनाड गांव में नेपाली परिवार के एक वर्षीय बच्चे की मौत हुई। जिले के अधिकारियों ने बताया कि मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं। सेना, नौसेना और एनडीआरएफ के बचाव दल खराब मौसम के बीच पीड़ितों की तलाश कर रहे हैं। इसके लिए कई एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। बचावकर्मियों को नदियों और कीचड़ से लोगों के अंग बरामद हो रहे हैं। इसलिए इस त्रासदी में मारे गए लोगों का सही आंकड़ा का पता लगाना मुश्किल है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि कई लोगों फंसे होने या बह जाने की आशंका है और हम बचाव कार्य जारी रखेंगे। हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी ने केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन से बात की।
फंसे लोगों को एयरलिफ्ट करने की भी है तैयारी
केरल के वायनाड में भूस्खलन और भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई है जिसकी वजह से यहां के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार हो रही बारिश से जानमाल का भी नुकसान हुआ है। वहीं रेलवे यातायात भी काफी प्रभावित हुआ है। वायनाड के चार गांवों में भूस्खलन की वजह से मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। इन सबके बीच भारतीय रेलवे ने वायनाड के कुछ रुट पर रेलवे का परिचालन बंद कर दिया है। रेलवे के मुताबिक वायनाड के कुछ इलाकों में ट्रेन सेवाओं के पैटर्न में बदलाव किया गया है। वलाथोल नगर और वाडक्कनचेरी के बीच भारी जल जमाव हो गया है। खासकर जिले के मुख्यालय से फिर से सम्पर्क साधने की कोशिश की जा रही है। जिन गावों में लोग फंसे हैं वहां से लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है। भूस्खलन की वजह से इस इलाके के रास्ते बंद हो चुके हैं। ऐसे में फंसे हुए लोगों को निकालने की कोशिश जारी है। राज्य सरकार इन इलाके के लोगों को बचाने के लिए बकायदा एयरलिफ्ट करने की योजना बनायी जा रही है। सेना, वायुसेना और नौसेना के साथ भारतीय तटरक्षक बल ने भी मोर्चा संभाल लिया है।

भारतीय तटरक्षक बल ने वायनाड भेजा आपदा राहत दल
वायनाड में भूस्खलन आपदा के मद्देनजर भारतीय तटरक्षक बल जिला मुख्यालय (केरल और माहे) और भारतीय तटरक्षक बल स्टेशन बेपोर ने प्रभावित क्षेत्र में आपदा राहत दल भेजा है। आपदा से प्रभावित समुदायों को तत्काल राहत और सहायता प्रदान करने के लिए टीमों को जुटाया गया है। राहत दल में उच्च प्रशिक्षित कर्मी और एक समर्पित चिकित्सा दल शामिल है। टीम जरूरी आपदा राहत सामग्री से लैस है। इसमें बचाव कार्यों के लिए रबर की नावें, पानी और जल निकासी की समस्याओं को प्रबंधित करने के लिए डीजल से चलने वाले पंप, सुरक्षा के लिए लाइफ जैकेट, प्रतिकूल मौसम की स्थिति में कर्मियों की सुरक्षा के लिए रेनकोट और गम बूट और मलबे को साफ करने और प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए अन्य मिट्टी साफ करने वाले उपकरण मौजूद हैं।
बचाव कार्य के लिए 300 कर्मी तैनात, स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टी रद
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि मंगलवार को केरल के वायनाड के मेप्पाडी इलाके में भूस्खलन के बाद 250 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और बचाव कार्य के लिए 300 कर्मियों को तैनात किया गया है। केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि आवश्यक आपूर्ति पहुंचाने के लिए कदम उठाए गए हैं। 20,000 लीटर पीने का पानी ले जाने वाले दो वाहन आपदा क्षेत्र में पहुंचेंगे। छुट्टी पर गए स्वास्थ्य कर्मियों को तुरंत काम पर लौटने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा की जानकारी मिलने पर प्रधानमंत्री ने मदद की पेशकश की है। उन्होंने हमें भरोसा दिलाया है कि हम इस संकट से निपटने के लिए मिलकर काम करेंगे। 60 सदस्यों वाली एनडीआरएफ की टीम वायनाड पहुंच चुकी है और बेंगलुरु से 89 सदस्यों वाली टीम पहुंच रही है। वायनाड में फायर फोर्स के 321 सदस्यों को तैनात किया गया है। सेना की सेवाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। भूस्खलन के बाद भी बारिश का प्रकोप जारी है। पलक्कड में बरसात की वजह से राज्य में कई नदियां उफान पर है। इसी बीच एक वीडियो सामने आई है,जिसमें देखा जा सकता है कि नदी के जोरदार बहाव की वजह से पुल टूट गया।





























