भूकंप से तिब्बत में तबाही तो भारत, नेपाल, चीन और बांग्लादेश में दहशत

डिजिटल डेस्क। भूकंप से तिब्बत में तबाही तो भारत, नेपाल, चीन और बांग्लादेश में दहशत। आज मंगलवार की सुबह पौ फटने के दौरान नेपाल में आए भूकंप की जद में आए भारत समेत 5 देशों में धरती डोल गई जिससे लोग दहशत में आ गए। इसमें तिब्बत में भारी तबाही की सूचना है जहां 53 लोगों की मौत और 62 लोगों के घायल होने की सूचना है।

इसी क्रम में चीन में भी इसी भूकंप के चलते 36 लोगों की मौत और 38 लोगों के घायल होने की सूचना मिली है। बताया जा रहा है कि मंगलवार की सुबह आए तेज भूकंप के झटकों के असर से न केवल नेपाल, भारत, चीन और तिब्बत बल्कि बांग्लादेश और ईरान में भी धरती डोली तो वहां भी लोग दहशत में आ गए और घरों से बाहर की ओर भागे।

चीन में राष्ट्रपति ने युद्धस्तर पर राहत और बचाव का दिया निर्देश

चीन के राष्‍ट्रपति शी ज‍िनपिंंग ने सरकारी अधिकारियों को युद्धस्‍तर पर राहत और बचाव का न‍िर्देश दिया है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, अधिकारी भूकंप के प्रभाव का आकलन करने के लिए प्रभावित इलाकों में पहुंच रहे हैं। चीनी एयरफोर्स ने बचाव और राहत काम शुरू किया है। आपदा राहत मिशन के लिए चिकित्सा विमान, हेलीकॉप्टर और जमीनी बलों को तैनात किया गया है।

युद्ध स्तर पर राहत और बचाव का काम चल रहा है। चीन की भूकंप निगरानी एजेंसी CENC ने बताया कि भूकंप का केंद्र लगभग 4,200 मीटर (13,800 फीट) की ऊंचाई पर था। चीन के सरकारी CCTV ने बताया कि डिंगरी काउंटी और उसके आसपास के इलाकों में बहुत तेज झटके महसूस किए गए और केंद्र के पास कई इमारतें ढह गईं।

कई झटकों के बाद भी आफ्टरशॉक आते रहे, जिनमें सबसे बड़ा 4.4 तीव्रता का था। USGS ने बताया कि पिछली शताब्दी में इस क्षेत्र में कम से कम 6 तीव्रता के 10 भूकंप आ चुके हैं।

मंगलवार को आए भूकंप के बाद तिब्बत में तबाही का मंजर।
मंगलवार को आए भूकंप के बाद तिब्बत में तबाही का मंजर।

मंगलवार को आए तीव्र भूकंप का केंद्र तिब्बती राजधानी से 400 किमी दूर नेपाल में था

भूकंप का केंद्र रहा लोबुचे नेपाल में खुम्बू ग्लेशियर के पास स्थित है और काठमांडू से 150 किलोमीटर पूर्व में एवरेस्ट बेस कैंप के करीब है। बताया जा रहा है कि यह भूकंप का केंद्र तिब्बत की राजधानी ल्हासा से 380 किलोमीटर दूर रहा। चीन की भूकंप निगरानी एजेंसी ने भूकंप की तीव्रता 6.8 दर्ज की है।

भूकंप के केंद्र के आसपास के क्षेत्र की औसत ऊंचाई करीब 4,200 मीटर (13,800 फुट) है। सीसीटीवी की ऑनलाइन रिपोर्ट में कहा गया है कि भूकंप के केंद्र से पांच किलोमीटर के दायरे में बहुत कम लोग रहते हैं। भूकंप का केंद्र नेपाल के लोबुचे से 93 किमी उत्तर पूर्व में तिब्बत के शिगात्से शहर में था।

तिब्बत में मंगलवार को भूकंप के बाद तबाही का मंजर।
तिब्बत में मंगलवार को भूकंप के बाद तबाही का मंजर।

तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक शिगाजो को मंगलवार को आया भूकंप कभी ना भूलने वाला दर्द दे गया…

नेपाल – तिब्बत सीमा पर मंगलवार को आए भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान तिब्बत के शहर को हुआ है। नेपाल-तिब्बत सीमा के पास मंगलवार सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर आए 7.1 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने कम से कम 53 लोगों की जान ली है। वहीं 62 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंगलवार को आए भूकंप से संपत्तियों का भी भारी नुकसान हुआ है।

तिब्बत में मंगलवार को भूकंप के बाद तबाही का मंजर।
तिब्बत में मंगलवार को भूकंप के बाद तबाही का मंजर।

भूकंप से कई इमारतें ढहकर मलबे का ढेर बन गई है। सबसे ज्यादा तबाही तिब्बत में मची। भूकंप ने तिब्बत में कई परिवार को कभी ना भूलने वाला दर्द दे गया। तिब्बत के बड़े शहरों की दर्जनों इमारत जमींदोज हो गईं। बताया जा रहा है कि मंगलवार सुबह नौ बजकर पांच मिनट (चीन के समयानुसार) पर तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शिगाजे शहर के डिंगरी काउंटी में भूकंप के झटके महसूस किए गए।

बता दें कि शिगाजे तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है। यहां पंचेन लामा की सीट है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक है। इसकाआध्यात्मिक अधिकार दलाई लामा के बाद दूसरे स्थान पर है।

तिब्बत में मंगलवार को भूकंप के बाद तबाही का मंजर।
तिब्बत में मंगलवार को भूकंप के बाद तबाही का मंजर।

मंगलवार को आए भूकंप से नेपाल के 5 शहरों में दहशत में आए लोग, जानमाल का विशेष हानि नहीं…

नेपाल के जिन शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए वो काठमांडू, काभ्रेपलान्चोक, सिंधुपालंचोक, धाडिंग और सोलुखुंबु हैं। भूकंप के झटके आने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. लोगों ने कुछ समय तक सड़कों के किनारे लगे पेड़ों और बिजली के तारों को हिलते हुए देखा।  नेपाल पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि अब तक उन्हें किसी बड़े नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।

मंगलवार को आए भूकंप के बाद तिब्बत में तबाही का मंजर।
मंगलवार को आए भूकंप के बाद तिब्बत में तबाही का मंजर।

नेपाल पुलिस के प्रवक्ता बिश्वो अधिकारी ने बताया कि भूकंप का केंद्र तिब्बत में होने के कारण उत्तरी नेपाल में रहने वाले लोगों ने अधिक तीव्र झटके महसूस किए। नेपाल के नामचे क्षेत्र के एक सरकारी अधिकारी जगत प्रसाद भुसाल ने बताया है कि नेपाल भूकंप के प्रति संवेदनशील है क्योंकि यह एक प्रमुख भूगर्भीय फॉल्ट लाइन पर स्थित है।

यहां भारतीय टेक्टोनिक प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकराती है, जिससे हिमालय का निर्माण होता है। इस वजह से यहां भूकंप नियमित रूप से आते हैं। नेपाल में इस भूकंप ने 2015 में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप की यादें ताजा कर दी हैं, जिसमें 9,000 लोग मारे गए थे और करोड़ों की संपत्ति तबाह हुई थी।

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