मोतिहारी : बिहार सरकार के शिक्षा विभाग रोज-रोज अपने नए कारनामे के चलते चर्चा में रहता है। वहीं 2023 में बिहार सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर शिक्षा विभाग के द्वारा अतिथि शिक्षको की बहाली की गई थी लेकिन मात्र छह महीने कार्य करने के उपरांत ही उनका सेवा से मुक्त कर दिया गया लेकिन आज तक उनका भुगतान नहीं किया गया है। जिसके कारण अतिथि शिक्षक दर-दर भटकने को मजबूर है। वहीं पूर्वी चंपारण में 503 अतिथि शिक्षक की बहाली हुई थी लेकिन कुछ ही पैसे देने के बाद विभाग के द्वारा पैसे नहीं होने का बहाना बनाया गया।
वहीं अतिथि शिक्षकों ने अपने सदस्यों के साथ आवश्यक बैठक की और जल्द से जल्द बिहार की सरकार से उनके वेतन की भुगतान करने का अल्टीमेटम दिया। गेस्ट टीचरों ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि पूर्वी चंपारण में दो करोड़ 36 लाख 57 हजार 884 रुपया बिना उपयोगिता प्रमाण पत्र के ही शिक्षा विभाग ने कंसल्टेंसी कंपनी को दे दिया गया। कंपनी ने हम सभी अतिथि शिक्षकों को वेतन नहीं दिया लगातार पटना से लेकर जिला कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं अभी तक वेतन भुगतान नहीं हो पाया है। जिसके कारण हम सभी भटकने को मजबूर हैं। अगर हमारे वेतन भुगतान नही हुआ तो हमलोग सभी सरकारी कार्यालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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जिला अतिथि शिक्षक संगठन के अध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि लगातार अतिथि शिक्षकों की बहाली और वेतन भुगतान में बड़ा घोटाला हुआ है। साथ ही बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है लेकिन इसको देखने वाला कोई नहीं है। हमलोग आवाज बुलंद करते हैं लेकिन हमारी भी कोई सुनने वाला नहीं है। सरकार बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली कर रही है लेकिन हम पुराने गेस्ट टीचर जिनको सरकार ने बहाल किया था। उसकी अनदेखी की जा रही है और वेतन भी भुगतान नहीं किया गया है।
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सोहराब आलम की रिपोर्ट