रांची. झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) में फेरोइलेक्ट्रिक्स और डाइइलेक्ट्रिक्स विषय पर आजोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन भारत के विभिन्न प्रसिद्ध वक्ताओं ने फेरोइलेक्ट्रिक्स और डाइइलेक्ट्रिक्स से संबंधित कई क्षेत्रों में अपने शोध अनुभव को साझा किया। बिहार के छपरा स्थित जय प्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीके बाजपेयी ने पीजोइलेक्ट्रिक अनुप्रयोगों के लिए पर्यावरण अनुकूल फेरोइलेक्ट्रिक रिलैक्सर सामग्रियों के भौतिकी को समझने में हालिया प्रगति पर एक व्याख्यान दिया।
प्रो. राम एस कटियार, यूनिवर्सिटी ऑफ प्यूर्टो रिको, यूएसए ने रूम टेम्परेचर नैनोस्केल मैजेंटोइलेक्ट्रिक मल्टीफेरोइक्स के बारे में बताया। जम्मू विश्वविद्यालय के प्रो. बामजई ने पेरोव्स्काइट और हेक्साफेराइट सामग्री पर आधारित मल्टीफेरोइक कंपोजिट के विशिष्ट विकास पर व्याख्यान दिया। आईआईटी पटना के डॉ. अजय कुमार कल्याणी ने मेटास्टेबल मोनोक्लिनिक और ऑर्थोरोम्बिक चरणों और विद्युत क्षेत्र-प्रेरित अपरिवर्तनीय चरण के बारे में जानकारी प्रदान की।
यूजीसी-डीएई कंसोर्टियम, इंदौर केंद्र के डॉ. वी राघवेंद्र रेड्डी ने सीसा रहित रिलैक्सर में डाइइलेक्ट्रिक मैक्सिमा में संरचनात्मक संशोधनों के बारे में बात की। टी.एम. भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रो. कमल प्रसाद ने ऊर्जा संचयन और संवेदन अनुप्रयोगों के लिए सिरेमिक/पॉलिमर कंपोजिट पर परिचय दिया। प्रो. दिलीप के. प्रधान, एनआईटी राउरकेला ने फेरोइलेक्ट्रिक सिरेमिक में चरण संक्रमण घटना के अध्ययन पर एक व्याख्यान दिया।
डॉ. सत्य प्रकाश पति, एनईएचयू, शिलांग ने अल्ट्रा-लो पावर कंजम्पशन मेमोरी डिवाइस के लिए फेरोइलेक्ट्रिक एकीकृत कृत्रिम मैग्नेटोइलेक्ट्रिक सामग्रियों पर जानकारी प्रदान की। संगोष्ठी के संयोजक डॉ. अविजित घोष हैं। संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी शामिल हुए।