रांची: झारखंड राज्य के 444 बालू घाटों में से केवल 58 को अब तक पर्यावरण क्लीयरेंस प्राप्त हुआ है, जिनमें से मात्र 25 घाटों से ही बालू का उत्खनन हो रहा है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, अगले तीन महीनों में 20 अन्य घाटों से बालू उत्खनन करने की कोशिश की जा रही है। यदि सभी 58 क्लीयर किए गए घाटों से उत्खनन शुरू होता है, तो बालू की कमी को काफी हद तक हल किया जा सकेगा।
झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) के अधिकारियों के अनुसार, बालू घाटों के संचालन का रास्ता धीरे-धीरे साफ हो रहा है और जैसे-जैसे उत्पादन शुरू होगा, बालू की उपलब्धता में वृद्धि होगी और इसकी कीमतों में भी गिरावट आएगी।
हाल ही में राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (एसईएए) ने लोहरदगा के चार, गढ़वा के दो और रांची के एक घाट के संचालन की स्वीकृति दी है। इन घाटों पर खनन की प्रक्रिया और कार्ययोजना तैयार की जाएगी। यह सभी घाट राज्य के खनिज विकास निगम के तहत संचालित होते हैं।