डिजिटल डेस्क : Yogi सरकार की नई आबकारी नीति में किसी को भी 2 से ज्यादा लाइसेंस नहीं। Yogi सरकार ने यूपी के लिए बीते बुधवार देर शाम को स्वीकृत की गई नई आबकारी नीति में साफ कर दिया है कि आबकारी दुकानों के लाइसेंस आवंटन में भी एक खास कायदा रहेगा। इसके तहत कोई भी व्यक्ति, फर्म, कंपनी दो से अधिक लाइसेंस नहीं ले सकेंगी।
नई नीति में देशी मदिरा एसेप्टिक ब्रिक पैक में बिक्री के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इसका इस्तेमाल करने से शराब में मिलावट होने की आशंका खत्म होती है।
बताया जा रहा है कि वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी नीति में अहम बदलाव किया है। इस बदलाव हरियाणा के आबकारी मॉडल को आंशिक रूप से लिए लिया गया लेकिन इसे Yogi सरकार ने अपना नया लुक देने का प्रयास किया है।
Yogi सरकार ने शराब के होम लाइसेंस का किया सरलीकरण
Yogi सरकार की नई आबकारी नीति में निजी प्रयोग के लिए निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा क्रय, परिवहन एवं निजी कब्जे में रखने के लिए वैयक्तिक होम लाइसेंस की व्यवस्था सरल की गई है। लाइसेंस के लिए सालाना फीस 11 हजार रुपये और सिक्योरिटी 11 हजार रुपये होगी।
लाइसेंस उन लोगों को ही मिलेगा, जो तीन वर्ष से लगातार आयकरदाता होंगे। उन्हें अपना आयकर रिटर्न भी दाखिल करना होगा। इसमें न्यूनतम दो वर्षों में आवेदक द्वारा न्यूनतम 20 प्रतिशत श्रेणी में आयकर का भुगतान किया गया हो।
यदि कृषि आय से 20 प्रतिशत आयकर के स्लैब में आने के बावजूद किसी आवेदक पर कर की देयता नहीं बनती हो, तब ऐसा आवेदक भी लाइसेंस के लिए अर्ह होगा।
![सीएम योगी की फाइल फोटो](https://i0.wp.com/22scope.com/wp-content/uploads/2025/02/%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%8F%E0%A4%AE-%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%B2-%E0%A4%AB%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A5%8B-%E0%A4%86%E0%A4%9C.jpg?resize=410%2C307&ssl=1)
प्रीमियम रिटेल दुकानों के लाइसेंस का रिन्यूवल 25 लाख रुपये सालाना पर
Yogi सरकार की नई आबकारी नीति के तहत तय हुआ है कि प्रीमियम रिटेल दुकानों के लाइसेंस का रिन्यूवल 25 लाख रुपये वार्षिक फीस लेकर करने का फैसला लिया गया है। पिछले साल की तरह लाइसेंस फीस यथावत रखी गई है।
![सीएम योगी की फाइल फोटो](https://i0.wp.com/22scope.com/wp-content/uploads/2025/02/%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%8F%E0%A4%AE-%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%B2-%E0%A4%AB%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A5%8B-%E0%A4%86%E0%A4%9C-1.jpg?resize=303%2C308&ssl=1)
नई आबकारी नीति के तहत के तहत मॉल्स के मल्टीप्लेक्स एरिया में प्रीमियम ब्रांड की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि सक्षम स्तर से अनापत्ति मिलने पर हवाई अड्डों, मेट्रो व रेलवे स्टेशनों पर मुख्य भवन में प्रीमियम रिटेल की दुकानें अनुमन्य हाेंगी। इनका मुख्य द्वार भवन के अंदर होने की बाध्यता खत्म कर दी गई है।
वहीं, पहली बार विदेशी मदिरा की 60 एमएल और 90 एमएल की बोतलों की बिक्री की अनुमति भी दी गई है।
![आबकारी शराब दुकान की सांकेतिक फोटो](https://i0.wp.com/22scope.com/wp-content/uploads/2025/02/%E0%A4%86%E0%A4%AC%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B6%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AC-%E0%A4%A6%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%95-%E0%A4%AB%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A5%8B.jpg?resize=376%2C247&ssl=1)
Yogi सरकार ने राजस्व प्राप्ति बढ़ाने को हरियाणा मॉडल को आंशिक तौर पर अपनाया
Yogi सरकार की नई आबकारी नीति की एक खास बात यह है कि इसमें हरियाणा सरकार के आबकारी नीति के मॉडल को आंशिक तौर पर समाहित किया गया है। इसका मकसद राजस्व को बढ़ाना है। नई नीति में 55 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 4000 करोड़ रुपये अधिक है।
![आबकारी शराब दुकान की सांकेतिक तस्वीर।](https://i0.wp.com/22scope.com/wp-content/uploads/2025/02/%E0%A4%86%E0%A4%AC%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B6%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AC-%E0%A4%A6%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%A8-1.jpg?resize=497%2C285&ssl=1)
आबकारी नीति में प्रदेश में पहली बार कंपोजिट दुकानों का लाइसेंस भी जारी किया जाएगा, जिसमें विदेशी शराब, बीयर और वाइन की एक साथ बिक्री की सुविधा होगी। हालांकि इन दुकानों पर शराब पीने की अनुमति नहीं होगी। नई आबकारी नीति के तहत के तहत मॉल्स के मल्टीप्लेक्स एरिया में प्रीमियम ब्रांड की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं होगी।
हालांकि सक्षम स्तर से अनापत्ति मिलने पर हवाई अड्डों, मेट्रो व रेलवे स्टेशनों पर मुख्य भवन में प्रीमियम रिटेल की दुकानें अनुमन्य हाेंगी। इनका मुख्य द्वार भवन के अंदर होने की बाध्यता खत्म कर दी गई है।