नए CEC ज्ञानेश कुमार ने पेशेगत पारिवारिक परिपाटी को दी नई दिशा

वाराणसी / लखनऊ : नए CEC ज्ञानेश कुमार ने पेशेगत पारिवारिक परिपाटी को दी नई दिशा। चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित नए कानून के तहत देश में नियुक्त होने वाले पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार अपनी खुूबियों के लिए ब्यूरोक्रेसी से लेकर सियासी जगत एवं सामाजिक जीवन में अलग पहचान रखते हैं। वंशानुगत पेशेगत परिपाटी को बदलने की पहल अपने परिवार में ज्ञानेश कुमार ने ही शुरू की।

मूल रूप से यूपी के निवासी ज्ञानेश कुमार के नए CEC के तौर नियुक्ति की सूचना पुष्ट होने के बाद उन संबंधी तमाम जानकारियां सार्वजनिक होकर सुर्खियां बटोर रही हैं। बीते डेढ़़ माह से महाकुंभ को लेकर लगातार सुर्खियों में बना हुआ यूपी बीते सोमवार की रात से अचानक नए CEC ज्ञानेश कुमार को लेकर सुर्खियों में है।

वजह यह कि ज्ञानेश कुमार न केवल यूपी से ताल्लुक रखते हैं बल्कि ब्यूरोक्रेसी वाले करियर की शुरूआत सुदूर दक्षिण केरल से की और कालांतर में मौजूदा NDA सरकार के जटिल कार्यों के निष्पादन एवं क्रियान्वयन में बिना लाइमलाइट में आए ही अहम भूमिका निभाई।

इसी क्रम में एक अहम जानकारी यह भी है कि ज्ञानेश कुमार ने करियर के लिहाज से अपने परिवार की पीढ़ी दर पीढ़ी चिकित्सकीय पेशे को अपनाने की परिपाटी को बदला एवं इस काम में अलग मिसाल कायम की है।

एक बेटी DM, दूसरी IRS और दोनों दामाद IAS

नए CEC ज्ञानेश कुमार खुद एवं उनके चलते यूपी क्यों सुर्खियों में है, इसे कुछ यूं समझें। ज्ञानेश कुमार गुप्ता की जन्म स्थली आगरा है। उनके पिता डॉ. सुबोध कुमार गुप्ता और मां सत्यवती गुप्ता विजय नगर कॉलोनी में रहते हैं। पिता मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद से रिटायर हो चुके हैं। पंजाब नेशनल बैंक के पास वाली गली में सबसे अंतिम मकान सुबोध कुमार गुप्ता का है। फिलहाल उनके माता-पिता दिल्ली में हैं।

ज्ञानेश के परिवार में ज्यादातर चिकित्सक हैं पर उन्होंने अलग रास्ता चुना। विजय नगर कॉलोनी में उनके परिवार के 28 सदस्य चिकित्सक है। मां सत्यवती अब भी योग सिखाती है।

ज्ञानेश कुमार की बड़ी बेटी मेधा रूपम वर्तमान में कासगंज जिले की जिलाधिकारी हैं। उनके पति मनीष बंसल भी आईएएस हैं और दोनों 2014 बैच के आईएएस हैं। उनकी दूसरी बेटी अभिश्री आईआरएस अधिकारी हैं और उनके पति अक्षय लाबरू आईएएस हैं। उनके बेटे अरनव पढ़ाई कर रहे हैं।

ज्ञानेश के भाई मनीष कुमार आईआरएस अधिकारी हैं और बहन रोली इंदौर में विद्यालय चलाती हैं, उनके पति उपेंद्र जैन आईपीएस हैं। ज्ञानेश पिछले साल जनवरी में सहकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य करते हुए रिटायर हुए थे।

यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2007 से 2012 तक वे रक्षा मंत्रालय में संयुक्त रक्षा सचिव रहे। 2014 में वे केरल सरकार के दिल्ली में रेजिडेंट कमिशनर थे। इस्लामिक स्टेट की हिंसक गतिविधियों के बीच उन्होंने 183 भारतीयों को इराक से निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनमें इरबिल में फंसी 46 मलयाली नर्स भी शामिल थीं।

नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार
नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार

वाराणसी के क्वींस कॉलेज के टॉपर रहे हैं ज्ञानेश कुमार…

नए CEC (मुख्य चुनाव आयुक्त) ज्ञानेश कुमार गुप्ता की जन्म स्थली यूपी का आगरा है। उनके पिता डॉ. सुबोध कुमार गुप्ता और मां सत्यवती गुप्ता विजय नगर कॉलोनी में रहते हैं। पिता मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद से रिटायर हो चुके हैं। पिता के सरकारी नौकरी में होने की वजह से उनका तबादला होता रहा।

उसी क्रम में ज्ञानेश कुमार की शिक्षा यानि पढ़ाई-लिखाई यूपी के विभिन्न शहरों में हुई। उनकी शिक्षा वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ और कानपुर से हुई। ज्ञानेश बचपन से ही प्रतिभाशाली थे।

वाराणसी के क्वींस कॉलेज में वह टॉपर रहे जिस क्वींस कॉलेज में हिंदी के महान कथाकार-उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद ने पढ़ाई की थी। 12वीं उन्होंने लखनऊ के काल्विन तालुकेदार कॉलेज से की, यहां भी टॉप किया। इसके बाद आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया।

उसके बाद वे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने दिल्ली चले गए। वहां एक साल उन्होंने हुडको में भी काम कया। 1988 में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास की और केरल कैडर के आईएसएस अधिकारी बन गए। पहली नियुक्ति उन्हें तिरुवनंतपुरम में बतौर डीएम मिली। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया है।

नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार
नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार

अनुच्छेद 370 और राम मंदिर निर्माण में रही ज्ञानेश कुमार की अहम भूमिका

बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय में सचिव रहते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला हो या फिर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कमेटी के सदस्य के तौर पर काम। नए मुख्य चुनाव आयुक्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार ने अपनी काबिलियत से केंद्र सरकार के फैसलों को लागू करने में बड़ी भूमिका निभाई है।

उन्हें केंद्र सरकार ने श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया था। वे बाल स्वरूप के भगवान श्रीराम की मूर्ति चयन के निर्णायक मंडल में भी रहे। अब CEC के तौर पर ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक होगा।

नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार
नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार

राजीव कुमार आज 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं और कल 19 फरवरी को ज्ञानेश कुमार सीईसी का पद संभालेंगे। 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार मार्च, 2024 से ही चुनाव आयुक्त के रूप में काम कर रहे हैं। उन्हें पदोन्नत किया गया है।

ज्ञानेश कुमार पर इस साल बिहार का विधानसभा चुनाव और अगले साल पश्चिम बंगाल, असम और तमिलनाडु का चुनाव संपन्न कराने की जिम्मेदारी होगी।

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