गया : पटरी पर दौड़ती ट्रेन में खौफनाक मंजर देखने को मिला। जनशताब्दी एक्सप्रेस में सीट को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। बेखौफ उपद्रवियों ने पहले दबंगई दिखाई, फिर ट्रेन पर रोड़े बरसा दिए। कांच टूट गए, सीटें खून से लाल हो गईं। इस बर्बर हमले में दो यात्री जख्मी हो गए, एक के सिर पर गहरी चोट आई, दूसरे की गर्दन पर पत्थर लगा। खौफ का ये खेल ईश्वर चंद्र हॉल्ट के पास हुआ। यात्रियों ने मदद की गुहार लगाई, लेकिन रेलवे प्रशासन ने कान तक नहीं धरा। जनशताब्दी में हुई इस गुंडागर्दी ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह भी है कि क्या ट्रेनों में भी सफर करना सुरक्षित नहीं रहा। घटना रविवार की 10 बजे रात की है।
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सीट विवाद से शुरू हुई दहशत
रेल यात्री राजीव कुमार ने बताया कि वे गोमो से जनशताब्दी में सवार हुए थे। उनकी रिजर्व सीट पर पहले से दो युवक कब्जा जमाए बैठे थे। निवेदन करने पर बदमाशों ने सीट छोड़ने से इनकार कर दिया। बोले कि पहाड़पुर उतरना है, एडजस्ट कर लो। लेकिन पहाड़पुर स्टेशन आने के बाद भी वे नहीं हिले। जब दोबारा सीट छोड़ने को कहा गया, तो वे आगबबूला हो गए। गालियां देने लगे, धमकियां बरसाने लगे, पूरी बोगी को गोली मार देंगे कहने लगे।
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चलती ट्रेन पर पत्थरबाजी, कांच टूटे, चीख-पुकार मची
थोड़ी देर में ट्रेन ईश्वर चंद्र हॉल्ट पर पहुंची तो बदमाश वैक्यूम कर ट्रेन से नीचे उतरे और जनशताब्दी पर पथराव शुरू कर दिया। खिड़कियां टूट गईं, अंदर बैठे यात्री दहशत में आ गए। इस हमले में दो यात्री बुरी तरह जख्मी हो गए। सिर पर चोट लगने से संतोष कुमार का खून बहने लगा, राजीव कुमार की गर्दन पर पत्थर लगा। पूरी बोगी में अफरा-तफरी मच गई।
रेलवे प्रशासन बेखबर, शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं
घायलों को गया स्टेशन पर उतारा गया, लेकिन रेलवे ने कोई मदद नहीं की। यात्री राजीव कुमार ने 139 हेल्पलाइन पर कॉल किया, लेकिन फोन रिसीव ही नहीं हुआ। बाद में ईमेल से शिकायत दर्ज कराई गई।
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आशीष कुमार की रिपोर्ट