Bokaro: ओएनजीसी अधिकारी संघ ने 12 मार्च 2025 को ओएनजीसी प्रबंधन द्वारा जारी कथित एकतरफा आदेश के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन और विरोध प्रदर्शन किया। इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान ओएनजीसी अधिकारी संघ के महासचिव डॉ. पीयूष रंजन दास, महासचिव, और अध्यक्ष जॉर्ज, द्वारा किया गया।
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ओएनजीसी प्रबंधन के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन में सीबीएम परिसंपति बोकारो, दिल्ली, देहरादून, मुम्बई, कोलकाता, राजमुंदरी,चेन्नई, गुजरात, असम, त्रिपुरा, जोधपुर समेत ओएनजीसी के सभी कार्यालयों तथा फील्ड में बड़ी संख्या में कर्मचारियों और हितधारकों ने भाग लिया, जो प्रबंधन के निर्णय के खिलाफ सामूहिक असंतोष का स्पष्ट प्रदर्शन था।
मामले को लेकर बताया गया कि बातचीत और परामर्श के लिए बार-बार अपील के बावजूद प्रबंधन ने उचित प्रक्रिया को दरकिनार करना चुना, जिससे कर्मचारियों के अधिकारों और हितों को नुकसान पहुंचा। प्रदर्शनकारियों ने इस एकतरफा कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की।
संघ ने कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन अपने रुख पर अडिग रहा, जिसमें प्रतिभागियों ने प्रतीकात्मक प्रदर्शनों के माध्यम से अपनी चिंताओं को व्यक्त किया। शिकायतों और मांगों को उजागर करने वाला एक औपचारिक प्रतिनिधित्व भी संबंधित अधिकारियों को सौंपा गया।
ओएनजीसी अधिकारी संघ ने चेतावनी दी है कि यदि प्रबंधन चिंताओं को दूर करने में विफल रहता है और सार्थक चर्चा शुरू नहीं करता है तो आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शन की तीव्रता बढ़ जाएगी। परिचालन में किसी भी व्यवधान की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रबंधन की रचनात्मक बातचीत में शामिल होने की अनिच्छा पर होगी।
एसोसिएशन ने ओएनजीसी नेतृत्व से अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने और सभी हितधारकों के हितों का सम्मान करते हुए निष्पक्ष समाधान की दिशा में काम करने का आग्रह भी किया है। इससे पूर्व एसोसियेशन के महासचिव डॉ. पीयूष रंजन दास 4 मार्च को विभिन्न मांगों को लेकर ओएनजीसी के अध्यक्ष एवं सीईओ अरुण सिंह को पत्र भी भेज चुके हैं, जिसकी प्रतिलिपि अन्य संबन्धित अधिकारियों को भी प्रेषित की जा चुकी है, लेकिन कोई सकारात्मक हल न निकलने के कारण ओओए का प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना पड़ा।