चतरा: झारखंड के करिहारा गांव में शुक्रवार को दिल दहला देने वाली घटना घटी, जहां 22 वर्षीय शिवी देवी अपने तीन महीने के जुड़वा बेटों के साथ जिंदा जल गईं। जब परिजन घर पहुंचे तो तीनों के जले हुए शव मिले। घटना दोपहर करीब दो बजे की बताई जा रही है।
मृतका के ससुर सहेंद्र यादव के अनुसार, घर में सास, ननद और दो छोटे देवर भी रहते हैं, लेकिन घटना के वक्त घर में कोई मौजूद नहीं था। वहीं, शिवी देवी का पति दिलीप यादव दिल्ली में मजदूरी करता है। गांव वालों ने इस घटना को संदिग्ध मानते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
घटना की सूचना मिलते ही प्रतापपुर थानेदार कासिम अंसारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस जांच कर रही है कि यह दुर्घटना है या हत्या।
मृतका के मायके पक्ष के लोग, जो भुसिया गांव (प्रतापपुर) के रहने वाले हैं, ने इस घटना को हत्या बताया है। मृतका के चाचा गौतम यादव और चचेरे भाई सतन यादव का आरोप है कि पहले शिवी देवी और बच्चों की हत्या की गई और फिर हादसे का रूप दिया गया। उन्होंने कहा, “शिवी खुशमिजाज थी, वह आत्महत्या नहीं कर सकती। तीन महीने पहले ही उसने जुड़वा बेटों को जन्म दिया था, ऐसे में वह खुद अपनी जान क्यों लेगी?”
मृतका के ससुर सहेंद्र यादव ने कहा, “दोपहर में खाना खाने के बाद हम सब बाहर काम कर रहे थे। तभी घर से धुआं निकलता देखा। जब अंदर गए तो बहू और बच्चे जले हुए पड़े थे। हमें नहीं पता कि यह कैसे हुआ।”
पुलिस को घटनास्थल से बोरसी (अंगीठी) मिली है, जिससे सवाल उठ रहा है कि गर्मी के मौसम में इसकी जरूरत क्यों पड़ी? यह जांच का अहम बिंदु हो सकता है।
पुलिस इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है कि यह अग्निकांड एक दुर्घटना थी या सुनियोजित हत्या। परिजनों और ग्रामीणों की मांग है कि इस घटना का सच जल्द सामने आए।