गया : बिहार के गया के परैया प्रखंड के गनौरी टिल्हा गांव के युवक रंजीत कुमार ने अपने गांव में साउथ की तर्ज पर भव्य मंदिर बना दिया है। रंजीत कुमार की कहानी अनोखी है। 12 वर्ष पहले गया के छोटे से गांव गनौरी टीलहा को छोड़कर जाने वाले रंजीत ने 12 वर्ष में वह मुकाम हासिल कर लिया, जो आसान नहीं होता है। कड़े संघर्ष के बीच अपने भाई के साथ अपनी एक कंपनी खड़ी कर ली और आज करीब तीन हजार लोगों को रोजगार दिया है, जिसमें से 100 से अधिक लोग गनौरी टिल्हा गांव के भी हैं। रंजीत कुमार गांव छोड़ने के 12 साल बाद जब लौटे तो यहां एक भी मंदिर नहीं देखकर उन्हें घोर आश्चर्य हुआ।
रंजीत ने कहा- गांव में मंदिर बनाने का प्रस्ताव रखा और अपने पैसे से मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कर दिया
इसके बाद उन्होंने गांव में मंदिर बनाने का प्रस्ताव रखा और अपने पैसे से मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कर दिया। गांव में भव्य शिव मंदिर का निर्माण हो रहा है। यहां रामेश्वरम की तर्ज पर साउथ के कारगारों के द्वारा मंदिर बनाया गया है, जो कि लगभग अंतिम चरण में है। यह मंदिर लगभग बनकर तैयार हो गया है और 21 तारीख से महारूद्र यज्ञ भी शुरू होगा। 21 मई को कलश यात्रा के साथ शिवादि सर्वदेव प्रतिष्ठाल्यक समाराधान समन्वित महारुद्र यज्ञ शुरू होगा। सबसे बड़ी बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय कथावाचक सुश्री गौरंगी गौरी जी प्रवचन करेंगे। 31 मई तक नित्य पूजन और मूर्ति प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा।
12 साल बाद गांव को लौटे
रंजीत कुमार बताते हैं कि 12 साल पहले वह गांव छोड़कर चेन्नई चले गए थे। एक घटना होने के बाद उन्होंने गांव छोड़ा था। जब गांव छोड़कर चेन्नई गए तो काफी संघर्ष किया। कारपेंटर की नौकरी की। फिर धीरे-धीरे मेहनत हम दोनों भाई राम मंगल प्रसाद और मैं रंजीत कुमार दोनों ने मिलकर एक कंपनी खड़ी कर ली। आज हमारी कंपनी का सालाना टर्नओवर करोड़ों में है।
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12 साल बाद जब अपने गांव गनौरी टीलहा को लौटे तो यहां एक भी मंदिर नहीं दिखा – रंजीत कुमार
वहीं 12 साल बाद जब अपने गांव गनौरी टीलहा को लौटे तो यहां एक भी मंदिर नहीं दिखा। अपने गांव में विकास की किरण पूरी तरह से नहीं पहुंची थी। यह देखकर उन्होंने सबसे पहले ग्रामीणों के सामने मंदिर निर्माण का प्रस्ताव रखा, तो ग्रामीणों में खुशी फैल गई। इसके बाद साउथ की तर्ज पर साउथ के कारीगरों के द्वारा रामेश्वरम की तर्ज पर मंदिर निर्माण का काम शुरू किया गया और अब मंदिर निर्माण का काम लगभग पूरा हो गया है। रंजीत कुमार ने बताया कि वह अपने गांव के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं। उन्हें खुशी है कि मंदिर बन जाने से गांव में हर्ष का माहौल है, लोग काफी उत्सुक हो रहे हैं। वहीं हमें भी अपनी मिट्टी से काफी प्यार है। गांव की मिट्टी हमेशा याद आती है। इसलिए यहां मंदिर बनाकर हमें एक सुकून सा महसूस हो रहा है।
21 मई से महारुद्र यज्ञ शुरू होगा, जो कि 31 मई 2025 तक प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम चलेगा
रंजीत कुमार ने बताया कि 21 मई से महारुद्र यज्ञ शुरू होगा, जो कि 31 मई 2025 तक प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम चलेगा। बताया कि इस मंदिर में भव्य शिवलिंग स्थापित होगा, जो कि करीब ढाई टन का है। इसके अलावा दुर्गा माता की प्रतिमा, बजरंगबली की प्रतिमा, गणेश जी और कार्तिकेय जी की प्रतिमा समेत अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा है। मंदिर काफी भव्य बनाया गया है, जो कि गया में अनोखा मंदिर होगा।
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आशीष कुमार की रिपोर्ट
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