रांची: झारखंड की महत्वाकांक्षी मैया सम्मान योजना एक बार फिर विवादों में है। पोटका विधानसभा क्षेत्र की एक पंचायत से सामने आए मामले में घुसपैठियों द्वारा योजना का लाभ उठाने की आशंका जताई जा रही है। पंचायत मुखिया द्वारा लाभुकों की सूची में विसंगति पकड़ी गई, जिससे इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
मुखिया के अनुसार, पंचायत में केवल एक मुस्लिम परिवार निवास करता है, जबकि लाभुकों की सूची में 15 मुस्लिम महिलाओं के नाम दर्ज पाए गए। इनमें से कई महिलाएं ऐसी बताई जा रही हैं, जिनका पंचायत से कोई लेना-देना नहीं है। यह मामला अब जांच के दायरे में आ गया है।
मैया सम्मान योजना में घुसपैठिए बनें लाभार्थी :
इसी मुद्दे को लेकर भाजपा विधायक पूर्णिमा दास साहू ने भी चिंता जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि जमशेदपुर और घाटशिला प्रखंड में भी इसी तरह के मामले सामने आ चुके हैं, जहां फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट के ज़रिये मुस्लिम समुदाय के बच्चों को योजनाओं का लाभ दिलाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अब यही तरीका मैया सम्मान योजना में भी अपनाया जा रहा है।
गौरतलब है कि भाजपा पहले ही आशंका जता चुकी थी कि योजना का लाभ कहीं अवैध घुसपैठिए न उठा लें। अब जब ऐसे मामले सार्वजनिक हो रहे हैं, तो सरकार की ओर से कार्रवाई की मांग तेज़ हो गई है।
हालांकि इसी बीच सरकार ने लाभुकों के लिए राहत की खबर दी है। अप्रैल और मई महीने की दोनों किस्तें एक साथ ₹5000 के रूप में 45 लाख महिलाओं के खातों में ट्रांसफर की जाएंगी। यह राशि उन महिलाओं को भी मिलेगी, जिनके दस्तावेजों में पहले डाटा मिसमैच पाया गया था और अब सुधार के बाद उनका सत्यापन हो चुका है।
यह मामला यह दिखाता है कि योजनाओं की पारदर्शिता और लाभुकों की पहचान सुनिश्चित करना अब पहले से अधिक जरूरी हो गया है।
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