Thursday, July 3, 2025

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‘भुखमरी की चपेट में दुनियाभर के 30 करोड़ लोग’

न्यूज डेस्क : साल 2024 में दुनियाभर के 53 देशों में करीब 30 करोड़ लोग गंभीर भूख से जूझ रहे थे। यह संख्या 2023 की तुलना में 1.37 करोड़ अधिक है और लगातार छठा वर्ष है जब स्थिति और खराब हुई...

न्यूज डेस्क : साल 2024 में दुनियाभर के 53 देशों में करीब 30 करोड़ लोग गंभीर भूख से जूझ रहे थे। यह संख्या 2023 की तुलना में 1.37 करोड़ अधिक है और लगातार छठा वर्ष है जब स्थिति और खराब हुई है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी की गई 'वैश्विक खाद्य संकट रिपोर्ट-2025 (GRFC) में सामने आई है। जिन देशों का विश्लेषण किया गया उनमें लगभग 23 फीसदी आबादी को पर्याप्त व सुरक्षित भोजन नहीं मिल पाया।

GRFC की रिपोर्ट में सामने आया डरावना सच
जीआरएफसी की रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि अलग-अलग महाद्वीपों में युद्ध, जियो पॉलिटिकल अस्थिरता, वैश्विक आर्थिक संकट और गरीब देशों में फंडिंग में होने वाली कटौती भुखमरी को बड़े स्तर पर पैदा कर रही है। ऐसे लोगों की संख्या 2022 के बाद एकाएक बढ़ी है जो दिन में सिर्फ एक वक्त का खाना खा पा रहे हैं। रिपोर्ट ने 53 देशों का विश्लेषण किया और पाया कि उनकी लगभग एक चौथाई आबादी गंभीर खाद्य कमी से प्रभावित है। यूनाइटेड नेशन्स फूड सिक्योरिटी फेज (UNIPC) ने ऐसे लोगों का खाका तैयार किया है जो भुखमरी से जूझ रहे हैं, चिंता की बात ये है कि पिछले एक साल में इनकी संख्या दोगुनी हो गई है।
सिविल वॉर ने किया बड़ा नुकसान
सूडान के सिविल वॉर ने हालात और खराब कर दिए हैं, जिसके कारण आधिकारिक तौर पर अकाल की घोषणा की गई है और 2.4 करोड़ से ज़्यादा लोग गंभीर भुखमरी का सामना कर रहे हैं। गाजा पट्टी में एक्सपर्ट्स ने पिछले साल अनुमान लगाया था कि आधी आबादी को खाने के संकट का सामना करना पड़ेगा। सीमा बंद होने और युद्ध विराम टूटने के बाद सीमित खाना ही लोगों तक पहुंच रहा है, जिसके कारण गाजा में स्थिति और भी खराब हो गई है। अकेले गाजा में 21 लाख भूख के चलते काल के गाल में समा सकते हैं। इन्हें किसी भी किस्म की मानवीय सहायता भी नहीं मिल पा रही है।

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https://www.youtube.com/watch?v=8SKyIJ3yT5o
गाजा और सूडान में हालात बदतर
आपको बता दें कि खाने की भयंकर कमी का सामना करने वाले 95 फीसदी से अधिक लोग गाजा पट्टी या सूडान में रहते हैं। हालांकि, हैती, माली और दक्षिण सूडान में भी बड़ी संख्या में लोग ऐसी ही कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। यूएनआईपीसी इस भयावह कैटेगरी को भुखमरी, मृत्यु, अभाव और गंभीर कुपोषण के तौर पर दुनिया के सामने लाया है।
संकट के मुख्य कारण
संघर्ष और हिंसा - 20 देशों में लगभग 14 करोड़ लोग इस वजह से भोजन संकट में फंसे।

प्राकृतिक आपदाएं - 18 देशों में अल नीनो की वजह से सूखा और बाढ़ आई, जिसमें 9.6 करोड़ लोग प्रभावित हुए।

आर्थिक झटके - महंगाई और अन्य कारणों से 15 देशों में 5.94 करोड़ लोग भूख से पीड़ित हुए।

विस्थापन - करीब 9.5 करोड़ लोग जबरन विस्थापित हुए, जिनमें शरणार्थी और आंतरिक रूप से विस्थापित लोग शामिल।

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