झारखंड में भारी बारिश और वज्रपात का खतरा: नौ जिलों में येलो अलर्ट, डैम लबालब और नदियां उफान पर

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झारखंड में भारी बारिश और वज्रपात का खतरा: नौ जिलों में येलो अलर्ट, डैम लबालब और नदियां उफान पर
झारखंड में भारी बारिश और वज्रपात का खतरा: नौ जिलों में येलो अलर्ट, डैम लबालब और नदियां उफान पर

रांची: झारखंड में मॉनसून की सक्रियता ने एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ा दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD), रांची ने शनिवार को राज्य के नौ जिलों के लिए भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी के साथ येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने आम नागरिकों से सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की अपील की है। वहीं डैमों का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है और नदियां भी उफान पर हैं।

किन जिलों में है भारी बारिश का अलर्ट?

मौसम विभाग ने गढ़वा, पलामू, चतरा, देवघर, दुमका, पाकुड़, जामताड़ा, गोड्डा और साहिबगंज जिलों में शनिवार को भारी बारिश की संभावना जताई है। साथ ही इन जिलों में तेज़ हवाएं (30 से 40 किमी/घंटे) चलने और वज्रपात (ठनका) गिरने की आशंका भी है। इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी करते हुए विभाग ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग से बचने और पेड़ के नीचे शरण न लेने की सलाह दी है।

डैम भरने लगे, गेट खोले गए, नदियां उफान पर

बारिश के चलते राज्य के प्रमुख जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई डैमों के गेट खोल दिए गए हैं।

डैम का नामवर्तमान जलस्तरगेट खोले गए
गेतलसूद28.9 फीट2
हटिया38 फीट0
तेनुघाट265 फीट10
चांडिल597.1 फीट11

डैमों के गेट खोलने से निचले क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है। प्रशासन ने आसपास के गांवों में सतर्कता बरतने और आवश्यकतानुसार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी की है।

चतरा का गांव ‘टापू’ बना, बच्चे जोखिम में स्कूल जाते हैं

बारिश के कारण चतरा जिले के प्रतापपुर प्रखंड का भौराज गांव टापू जैसा बन गया है। जंगलों और तीन ओर से नदी से घिरे इस गांव की आबादी करीब 800 है। लेकिन नदी पर कोई पुल नहीं होने के कारण बारिश के मौसम में ग्रामीणों की आवाजाही ठप हो जाती है। गांव का सरकारी स्कूल एक किलोमीटर दूर है। ऐसे में बच्चे खाट पर बैठकर या कंधे पर लादकर नदी पार करते हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि हर चुनाव में पुल बनाने का वादा होता है, लेकिन जीत के बाद कोई नेता वापस नहीं आता।

रेल सेवा प्रभावित, रांची में ट्रैक किनारे की मिट्टी बह गई

बारिश के कारण रेल सेवाओं पर भी असर पड़ा है। रांची जिले के किता स्टेशन के पास रेल पटरी किनारे की मिट्टी बह गई है, जिससे ट्रैक की स्थिरता पर खतरा उत्पन्न हो गया है। फिलहाल ट्रेनों की गति धीमी कर दी गई है और इंजीनियरों की टीम मरम्मत कार्य में जुटी है।

पिछले दो दिनों से जमशेदपुर से चलने वाली 24 ट्रेनें रद्द या डायवर्ट की जा चुकी हैं। चक्रधरपुर मंडल के टाटानगर यार्ड में जलजमाव की स्थिति अब भी बनी हुई है।

रांची को मिली थोड़ी राहत, लेकिन खतरा बरकरार

शुक्रवार को रांची में बारिश थोड़ी थमी, जिससे लोगों को राहत की सांस मिली। हालांकि, मांडर की टांगरबसली पंचायत में वीरगेड़ा नदी पर बना डायवर्जन बह गया है। साथ ही जोन्हा इलाके में डीपीएस स्कूल के एक शिक्षक की तलाश में एनडीआरएफ की टीम दिनभर सर्च ऑपरेशन में जुटी रही।


बारिश के आंकड़े: किन जिलों में कितना पानी बरसा?

जिलाबारिश (मिमी में)
रांची149.5 मिमी
लातेहार51 मिमी
लोहरदगा33 मिमी
गढ़वा31 मिमी
खूंटी17 मिमी
जमशेदपुर7.4 मिमी
डालटनगंज1.2 मिमी
बोकारो6 मिमी

आने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम?

  • 24 जून: राज्य के कई हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना।

  • 25-26 जून: फिर से भारी बारिश का पूर्वानुमान। कई जिलों के लिए चेतावनी जारी हो सकती है।

  • अधिकतम तापमान में अगले दो दिनों में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि हो सकती है।

देश में मानसून की स्थिति

देशभर में मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब तक यह उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख तक पहुंच चुका है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले तीन-चार दिनों में यह दिल्ली, पंजाब और हरियाणा तक भी पहुंच जाएगा।

झारखंड में मानसून की तेज़ी ने न केवल मौसम को ठंडा किया है, बल्कि प्रशासन की चुनौती भी बढ़ा दी है। भारी बारिश, डैमों का जलस्तर, वज्रपात की चेतावनी और ग्रामीण इलाकों की बदहाली एक बार फिर दिखाती है कि इंफ्रास्ट्रक्चर और आपदा प्रबंधन को मजबूत करने की जरूरत है। लोगों को इस समय सावधानी बरतने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।