रांची: रिम्स-2 (RIMS 2) के निर्माण को लेकर सरकार की योजना भले ही तेजी से आगे बढ़ रही हो, लेकिन इस पर अब राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने स्पष्ट कहा है कि रिम्स-2 का निर्माण नगड़ी की विवादित जमीन पर नहीं होना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है कि वे इस परियोजना को आगे बढ़ाने से पहले नगड़ी के ग्रामीणों और रैयतों से संवाद करें।
बंधु तिर्की ने कहा, “नगड़ी की जमीन को लेकर पहले से कई तरह के विवाद हैं। कई रैयतों को आज तक मुआवजा नहीं मिला है। ऐसे में बिना स्थानीय सहमति के सरकार को वहां निर्माण कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर सरकार रैयतों को नजरअंदाज कर आगे बढ़ती है तो यह सामाजिक अन्याय होगा और ग्रामीणों का विरोध और उग्र हो सकता है।
ज्ञात हो कि रिम्स-2 के निर्माण के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) द्वारा 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता स्वीकृत की गई है। यह परियोजना 2600 बेड के एक विश्वस्तरीय मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में प्रस्तावित है, जो झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को एक नया आयाम देने वाला है।
हालांकि, भूमि अधिग्रहण और स्थानीय असंतोष जैसे मुद्दे अब सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनते नजर आ रहे हैं। बंधु तिर्की के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि रिम्स-2 परियोजना अब सिर्फ स्वास्थ्य या विकास का नहीं, बल्कि सामाजिक सहमति और भूमि अधिकार का मुद्दा भी बन गया है।