Wednesday, August 20, 2025

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लालू का लाल और पीएम मोदी के भक्त ने बदल लिया अपने भीख मांगने का स्टाइल

Bettiah-एक बार आपकी आंखों पर विश्वास नहीं होगा, अचरज में डुब जाएगें, लेकिन बात ही कुछ ऐसी है और बात है लालू के लाल और पीम मोदी के भक्त की और उससे भी बड़ी बात पीएम मोदी के भक्त द्वारा भीख मांगने की. लेकिन रुकिये, अचरज इस बात की नहीं है कि लालू का लाल और पीएम मोदी का कोई भक्त स्टेशन पर राहगीरों से भीख की मांग रहा है.

आप यह भी अंदाज नहीं लगायें कि भीख उस स्टेशन पर मांग रहा है, जहां कभी पीएम मोदी चाय बेचा करते थें और आज देश के पीएम हैं.

यह कहानी गुजरात के किसी स्टेशन की नहीं है, यह कहानी तो है बिहार के एक छोटे से स्टेशन बेतिया की है. लेकिन, एक बार फिर से रुकिये, कहानी मात्र यह नहीं है, कहानी तो कुछ और भी प्रेरणादायक है.

यह कहानी है लालू यादव को अपना पापा और अपने आप को  पीएम मोदी का भक्त बता कर डिजिटल तरीके से भीक्षाटन कर अपनी आजीविका चलाने वाले राजू की.

दरअसल राजू बचपन से ही इसी बेतिया स्टेशन पर भीख मांग रहा है. समय बदलने के साथ ही भीख मांगने के तरीके में भी बदलाव आया और इसके पीछे पीएम मोदी की प्रेरणा काम आयी.

राजू बतलाता है कि वैसे तो लोग हमें खुशी-खुशी भीख दे देते थें, लेकिन कुछ ऐसे भी बंदे थें जो यह कह कर निकल जाने की कोशिश में रहते थें कि छुट्टा नहीं है और इसी छुट्टे की तोड़ पीएम मोदी का डिजिटल इंडिया से मिला और उसने भीक्षाटन को डिजिटल इंडिया से जोड़ की सोच ली. लेकिन इसके लिए तो बैंक खाते की जरुरत थी. पीएम मोदी ने भी जनधन खाते की बात की थी, लेकिन इसको अमलीजामा पहनाना इतना आसान कहां था, बैंक से सम्पर्क करने पर आधार कार्ड और पैन कार्ड की मांग की गयी. इसके बाद आधार कार्ड और पैन कार्ड की जटिल प्रक्रिया की शुरुआत हुई. आखिरकार बैंक खाता खुला, और उसके बाद पीएम मोदी का डिजिटल इंडिया अपने अंजाम तक पहुंचा पाया.

आज हालात यह है कि बेतिया स्टेशन पर राजू अपनी पहचान के लिए किसी का मुंहताज नहीं है, क्या लोग और क्या खाश सभी उसके दिवाने है.

राजू से यह पूछने पर लालू को अपना पापा कहने की कहानी क्या है, इसके पीछे का क्या राज है. राजू बतलाता है कि मैं

राजू पश्चिम चंपारण जिले में लालू के सभी कार्यक्रमों में जरूर पहुंचता था. वह बताता है कि लालू यादव भी उसके फैन थे और वह उनका इतना चहेता था कि साल 2005 में लालू प्रसाद यादव के आदेश पर उसे सप्तक्रांति सुपर फास्ट एक्‍सप्रेस के पैंट्री कार से रोज भोजन मिलता था। यह सिलसिला साल 2015 तक चला.  इसके बाद अब वह अपने पैसे से भोजन करता है और स्टेशन ही उसका आशियाना है.

रिपोर्ट- शक्ति

लालू का लाल और पीएम मोदी के भक्त ने बदल लिया अपने भीख मांगने का स्टाइल

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