भाद्रपद मास का कृष्ण पक्ष समाप्ति की ओर है और इसके साथ व्रत-त्योहारों की श्रृंखला शुरू हो रही है। 23 अगस्त को कुशोत्पाटिनी अमावस्या मनायी जायेगी। शुक्रवार को मध्याह्न व्यापिनी अमावस्या के कारण इस दिन श्रद्धा अमावस्या का विशेष महत्व होगा, वहीं शनिवार को स्नान-दान की अमावस्या रहेगी। इस दिन खेतों से कुश निकालने और उसका संग्रह करने की परंपरा है, जिसे साल में केवल इसी दिन किया जाता है।
24 अगस्त से भाद्रपद शुक्ल पक्ष का आरंभ होगा। इसी दिन चंद्र दर्शन का योग भी बनेगा। आने वाले पखवाड़े में तीज, चौठ चंद, गणेश पूजा, अनंत चतुर्दशी और करमा एकादशी जैसे प्रमुख पर्व मनाये जाएंगे।
26 अगस्त को तीज और चौठ चंद :
26 अगस्त को हरितालिका तीज और चौठ चंद एक साथ पड़ रहे हैं। इस दिन तृतीया तिथि दोपहर 12:39 बजे तक रहेगी और हस्त नक्षत्र पूरे दिन रहेगा। इसी कारण महिलाएं दिनभर भगवान शिव-पार्वती की पूजा कर सकेंगी। शाम को चौठ चंद की पूजा होगी। इस दिन चंद्रास्त रात 8:06 बजे होगा। मिथिला सहित आसपास के क्षेत्रों में महिलाएं दिनभर उपवास रखकर शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देंगी और परिवार की मंगलकामना करेंगी।
27 अगस्त से गणेश पूजा की शुरुआत होगी। इस दिन दोपहर 2:06 बजे तक चतुर्थी तिथि रहेगी। गणेशोत्सव का यह 10 दिवसीय पर्व 6 सितंबर तक चलेगा। इस दिन अनंत चतुर्दशी का व्रत भी रहेगा। इसके बाद 7 सितंबर को स्नान-दान और व्रत की पूर्णिमा मनायी जायेगी।
तीन सितंबर को करमा एकादशी का पर्व मनाया जाएगा, जिसे पदमा एकादशी भी कहते हैं। झारखंड में यह पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। चार सितंबर को वामन द्वादशी होगी। इस दिन मिथिला क्षेत्र में भगवान इंद्र की पूजा होती है और मलयाली समाज ओणम का पर्व मनाता है। इसी दिन से 10 दिवसीय ओणम उत्सव की भी शुरुआत होगी।
Highlights