नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता के पूजन और भक्ति में लीन है मां दूर्गा के भक्त
गोपालगंज : आज शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन है और आज मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है। मां स्कंदमाता को मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता माना जाता है। गोपालगंज जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूरी पर स्थित मां थावे शक्ति पीठ थावे दरबार की छंटा ही निराली है। यहां सालों भर माता के भक्तों का तांता लगा रहता है।
ज्ञान, शांति और मोक्ष दायिनी है स्कंदमाता
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां स्कंदमाता की पूजा करने से ज्ञान, परम शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। संतान सुख के लिए भी माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां स्कंदमाता की पूजा करने के लिए, भक्त सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ कपड़े पहनते हैं और देवी मां का ध्यान करते हैं। देवी मां की मूर्ति या तस्वीर को गंगा जल से पवित्र किया जाता है। फिर कुमकुम, अक्षत, फूल और फल आदि चढ़ाए जाते हैं।
पसंदीदा रंग और भोग जानिये , क्या है पौराणिक मान्यता
मां स्कंदमाता को सफेद रंग पसंद है। इस दिन भक्त सफेद वस्त्र पहनना पसंद करते हैं। मां का पसंदीदा भोग केला माना जाता है। मां स्कंदमाता की उत्पत्ति के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, जब राक्षसों का आतंक बढ़ गया था, तब देवताओं ने भगवान शिव और पार्वती से प्रार्थना की कि वे एक ऐसे पुत्र को जन्म दें जो राक्षसों का वध कर सके। भगवान शिव और पार्वती के पुत्र, कार्तिकेय (स्कंद), ने देवताओं की प्रार्थना सुनी और राक्षसों का वध किया। स्कंद की माता होने के कारण ही मां दुर्गा को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है।
श्रद्धा पूर्वक पूजन से मिलता है मनोवांछित फल
मां को प्रसाद के रूप में मिठाई और पांच प्रकार के फल अर्पित किए जाते हैं। देवी मां के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाया जाता है। सच्चे मन और श्रद्धा-भाव के साथ मां की पूजा की जाती है और आरती की जाती है। कथा पढ़ने के बाद अंत में मां स्कंदमाता के मंत्रों का जाप किया जाता है।
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एसके श्रीवास्तव की रिपोर्ट
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