Dumka: भारत में क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसने करोड़ों लोगों को दीवाना बना रखा है। बच्चे जहां इंडियन क्रिकेट टीम की नीली जर्सी पहनने का सपना देखते हैं, वहीं माता-पिता उनके भविष्य को चमकाने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं। लेकिन अब इसी क्रिकेट के जुनून का फायदा ठग गिरोह उठाने लगा है। ऐसा ही एक मामला झारखंड के दुमका जिले में सामने आया है, जहां एक सरकारी शिक्षक अपने बेटे को इंडियन अंडर-19 क्रिकेट टीम में चयन करवाने के नाम पर एक करोड़ रुपये ठगी का शिकार हो गए।
चार साल तक चलता रहा ठगी का खेल :
जानकारी के अनुसार दुमका नगर थाना क्षेत्र के शिवपहाड़ निवासी शिक्षक बुलबुल कुमार ने पुलिस में लिखित आवेदन देकर बताया कि उनके बेटे आशुतोष आनंद, जो दुमका जिला अंडर-14 टीम में खेलता था, को इंडियन अंडर-19 टीम और रणजी ट्रॉफी में चयन कराने के नाम पर शहर के ही बक्शी बांध मुहल्ला निवासी किसलय पल्लव ने चार साल तक लगातार ठगी की। किसलय पल्लव ने खुद को जिला क्रिकेट संघ का सदस्य बताते हुए शिक्षक से किश्तों में 1 करोड़ रुपये वसूले। जिनमें से 50 लाख रुपये ऑनलाइन और 50 लाख रुपये नकद लिए गए।
BCCI का फर्जी चयन पत्र से खुला मामला :
बुलबुल कुमार ने बताया कि किसलय ने भरोसा जीतने के लिए उनके बेटे को एक फर्जी चयन पत्र (Selection Letter) सौंपा, जिस पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का लोगो और संयुक्त सचिव देवोजीत साहा के हस्ताक्षर थे। पत्र में लिखा था कि आशुतोष आनंद का चयन इंडियन अंडर-19 टीम में हो गया है। लेकिन जब शिक्षक ने बीसीसीआई से संपर्क कर जानकारी ली, तो पता चला कि पत्र पूरी तरह नकली है और उनके बेटे का नाम किसी चयन सूची में नहीं है।
फर्जी कोचिंग और चयनकर्ताओं से बातचीत का ड्रामा :
शिक्षक ने अपने आवेदन में यह भी बताया कि किसलय खुद को क्रिकेट बोर्ड से जुड़ा बताता था और जाली दस्तावेजों के सहारे भरोसा दिलाता था। उसने कई बार मोबाइल पर चयनकर्ताओं और क्रिकेट बोर्ड के कथित अधिकारियों से बातचीत कराई, जो बाद में नकली निकले। किसलय ने पैसे की मांग फोनपे, गूगल पे और नकद माध्यम से की। जब शिक्षक ने कुछ किस्तें रोक दीं, तो उसने धमकी दी कि उनके बेटे को किसी राज्य स्तरीय टीम में चयन नहीं होने देगा।
पुलिस में मामला दर्ज :
ठगी का अहसास होने के बाद बुलबुल कुमार ने दुमका नगर थाना में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर संख्या 185/25 के तहत मामला दर्ज किया है। इसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं 316(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2) और 61(2) लगाई गई हैं। मामले की जांच के लिए एसआई अनुज कुमार को इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर (IO) नियुक्त किया गया है।
पुलिस का बयान :
दुमका एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि क्रिकेट टीम चयन के नाम पर ठगी का मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर की जांच की जा रही है और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। प्रारंभिक जांच में यह मामला फर्जीवाड़े से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। आरोपियों के खिलाफ जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ठगों के हत्थे चढ़े सपने :
यह घटना यह दर्शाती है कि क्रिकेट के प्रति दीवानगी को ठग किस तरह कमाई का जरिया बना रहे हैं। जहां खिलाड़ी अपनी मेहनत और प्रतिभा से पहचान बनाते हैं, वहीं कुछ लोग फर्जी नेटवर्क बनाकर गरीब या मध्यमवर्गीय परिवारों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वे किसी भी ऐसे व्यक्ति के झांसे में न आएं, जो पैसे के बदले टीम चयन या कोचिंग की गारंटी देने का दावा करता हो।
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